नई दिल्ली: पिछले वित्तीय वर्ष यानी 2018-19 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कुल 800 करोड़ रुपए का चंदा इकठ्ठा किया है। इस राशि में भाजपा को कार्पोरेट्स ने 472 करोड़ रु का चुनावी चंदा दिया है, जिसमें से 356 करोड़ रु यानी लगभग 75 प्रतिशत चंदा भाजपा को टाटा समूह के प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट से प्राप्त हुआ है।
भाजपा को टाटा समूह से मिले इस चंदे पर भाजपा के दिग्गज नेता व राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भाजपा पर तीखे इल्जाम लगाए हैं।भाजपा ने चुनाव आयोग को यह जानकारी 31 अक्टूबर को दी है। इसके अनुसार, भाजपा को इस वर्ष चेक और ऑनलाइन पेमेंट के माध्यम से कुल 800 करोड़ रुपए से ज्यादा चंदा मिला है, जबकि कांग्रेस को केवल 146 करोड़ रुपए का चंदा मिला है। इसमें कांग्रेस को चार चुनावी ट्रस्टों से लगभग 99 करोड़ रु की रकम मिली है। इसमें से 55.6 करोड़ रु यानी तक़रीबन 56 फीसदी हिस्सा टाटा के ट्रस्ट से आया था।
इस साल भाजपा को मिले चंदे में गत वर्ष की तुलना में लगभग तिगुनी बढ़ोतरी हुई है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि वित्त वर्ष 2018-19 में टाटा के ट्रस्ट ने तृणमूल कांग्रेस को भी 43 करोड़ रु दिए हैं जबकि इससे पिछले वित्तीय वर्ष में यह आंकड़ा जीरो था।
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