गलतियों के बाद जन्म लेता है बड़ा खिलाड़ी...
गलतियों के बाद जन्म लेता है बड़ा खिलाड़ी...
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 "Past mistake of Player meant to guide him not define him" 

क्रिकेट की दुनिया का एक बेहतरीन नाम, स्टीवन पीटर स्मिथ. एक ऐसा नाम जो डॉन ब्रैडमैन के बाद दूसरी सबसे सर्वोच्च रैंकिंग के साथ क्लासिक क्रिकेट कहे जाने वाले टेस्ट मैचों में अपने सर पर इस समय ताज पहने है. ऐसे चेहरे का बॉल टेम्परिंग में फंस जाना क्रिकेट जगत के लिए बेहद बड़ी बात होगी, और ये बात और बड़ी हो जाती है, जब ऐसे आरोपों में कोई कप्तान फंसे. लेकिन चलिए हम थोड़ा क्रिकेट से बाहर निकल कर एहसासों की दुनिया में आते है. गुरुवार को जो हुआ उसने बेशक क्रिकेट की दुनिया को हिला के रख दिया है, क्रिकेट को सच्चे दिल से पुंजने वाले जरूर इस घटना से निराश होंगे, आज स्टीवन स्मिथ की प्रेस कॉन्फ्रेंस देखकर जरूर कहीं-न-कहीं तो दिल के एक कोने से मानवता बाहर आई और बोली "इंसानों से गलती होती रहती है, अपनी गलती को सबके सामने मानने वाला भगवान होता है" खैर यह सिर्फ मेरा दिल नहीं बोल रहा बल्कि लोगों से भी कई बार ऐसी कहावतें सुनते रहता हूँ. 

कम उम्र में क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाजों शुमार स्टीवन स्मिथ ने पूरी मीडिया के सामने देश और विदेश के फैन्स तक से माफी मांगी, माफी मांगते हुए यह तक कहा कि "इस गलती का पछतावा ज़िन्दगी भर रहेगा" इसके बाद ही स्मिथ फफक कर रोने लगे, पीछे से सहारा देने के लिए खड़े थे पीटर देवेरेक्स स्मिथ जो स्मिथ के पिता है. स्मिथ के रोते हुए अपने देश से माफी मांगना और फिर पीटर का अपने बेटे के कंधे पर हाथ रखना किसी मार्मिक दृश्य से कम नहीं था. क्या हम एक पिता, एक इंसान, या एक दोस्त के नाते स्मिथ से साथ खड़े नहीं हो सकते. भारत के दिग्गज खिलाड़ी गौतम गंभीर, रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन तक स्मिथ के साथ खड़े है, उनकी गलती के साथ नहीं बल्कि एक ऐसे लीडर के साथ के जिसने गलती से एक गलती कर दी और उस गलती का उसे एहसास हो गया साथ ही कुछ ही अगले दिन उस खिलाड़ी ने अपने करोड़ो चाहने वालों से माफ़ी भी मांग ली. हर इंसान का बुरा वक्त आता है, बुरे वक्त में इंसान अपने कर्मों की सजा भी पाता है लेकिन एक ऐसी गलती जो खेल भावना के विपरीत हो और उसे वह इंसान अपनी ज़िंदगी की सबसे बड़ी गलती के रूप में अपनाता है और उसे सुधारने की बात करता है, तो वह बड़ा खिलाड़ी है. 

बाल टेम्परिंग में इतिहास में बड़े-बड़े नाम शामिल थे, सबको सजा हुई किसी को एक टेस्ट के लिए किसी को कुछ दिन के लिए या किसी को कुछ महीनों के लिए, इन बड़े-बड़े खिलाड़ियों ने फिर से अपना खेल भी शुरू किया और उस खेल से अपने देश का नाम भी रोशन किया लेकिन उसके विपरीत स्मिथ का अपनी गलती पर सबके सामने किसी बच्चों जैसे रोते हुए माफी मांगना और फिर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलिया के दर्शकों और प्रशासन का इस तरह से बर्ताव करना कहीं-न-कहीं दुःखी करता है. दुःखी करता है, बीसीसीआई का स्मिथ और वार्नर के प्रति रवैया. बीसीसीआई शायद उनके निर्णय के बाद खुद अपने हिसाब से फैसला करके कम सजा देती तो शायद क्रिकेट के बड़े नामों को आईपीएल के बहाने ही सही अपनी आशा, अपनी उम्मीद और सबसे बड़ा अपना खेल बचाने का मौका तो मिल जाता. 

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