कोलंबो. श्रीलंका की एक अदालत ने लिट्टे के साथ चले गृहयुद्ध के दौरान 24 तमिलों के लापता होने के मामले में सेना के कमांडर को और दो अन्य अधिकारियों को समन जारी किया है. इन लोगों के परिवारों का दावा है कि 1996 में सुरक्षा बलों ने इन लोगों को गिरफ्तार किया था और तब से ही वे लापता हैं.
जानकारी के अनुसार, जस्टिस इलानचेलियन ने उन्हें कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए. अदालत लापता हुए 24 लोगों के अभिभावकों और रिश्तेदारों द्वारा दायर किए गए मुकदमे पर 15 नवंबर को सुनवाई कर रही थी. लापता हुए लोगों के रिश्तेदारों ने दावा किया कि सभी जुलाई 1996 से लापता हैं जब सुरक्षाबलों ने जाफना के नवात्कुली में उन्हें गिरफ्तार किया था.
श्रीलंकाई सेना और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) के बीच लंबे समय तक चले संघर्ष के दौरान मानवाधिकार उल्लंघनों के लिए द्वीपीय देश अंतरराष्ट्रीय समुदाय की निंदा का सामना कर रहा है.
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