'इस बिल के पारित होने से हमें खुशी है', महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में बोलीं सोनिया गांधी
'इस बिल के पारित होने से हमें खुशी है', महिला आरक्षण विधेयक पर लोकसभा में बोलीं सोनिया गांधी
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नई दिल्ली: बुधवार को कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी नई संसद में पहली बार भाषण दिया। उन्होंने महिला आरक्षण बिल को लेकर चर्चा की। सोनिया गांधी ने कहा कि मैं इस बिल के समर्थन में हूं। कांग्रेस की तरफ से मैं 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम 2023' के समर्थन में खड़ी हूं। दरअसल, पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को महिला आरक्षण बिल को 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' के रूप में नया नाम दिया। 

अपने भाषण में सोनिया गांधी ने कहा कि भारतीय नारी ने सबकी भलाई के लिए काम किया है। स्त्री के धीरज का अनुमान लगाना बेहद ही मुश्किल भरा काम है। भारतीय महिलाओं ने कभी शिकायत नहीं की है। महिलाओं में समंदर की भांति धीरज होता है। भले ही सरकार की ओर से इस बिल को पेश किया गया है, लेकिन कहीं न कहीं कांग्रेस इसका श्रेय लेने का प्रयास कर रही है। सोनिया ने भी अपने भाषण में इस बात का जिक्र किया। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि इस बिल को तत्काल अमल में लाया जाए। यदि इस बिल को लाने में देरी की जाती है, तो इसके कारण महिलाओं के साथ अन्याय होगा। उन्होंने बताया कि इस बिल को पूर्व पीएम राजीव गांधी लेकर आए थे। उस वक़्त ये बिल राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था। ये बिल राजीव गांधी का सपना था। बाद में प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार ने इसे पारित कराया। इसका परिणाम है कि स्थानीय स्तर पर हमारे पास 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं।

सोनिया गांधी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी इस बिल का समर्थन करती है। इस बिल के पारित होने से हमें खुशी है। लेकिन इसके साथ-साथ एक चिंता भी है। मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं। बीते 13 वर्षों से भारतीय महिलाऐं अपनी राजनीतिक जिम्मेदारी का इंतजार कर रही थीं। अब उन्हें कुछ और साल इंतजार करने को कहा जा रहा है। उन्हें कितने वर्ष प्रतीक्षा करनी होगी, एक, दो, चार या आठ वर्ष, आखिर उन्हें कितना इंतजार करना होगा। क्या भारत की महिलाओं के साथ ये व्यवहार उचित है। आगे सोनिया ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि इस बिल को अमल में लाया जाए। किन्तु इसके साथ ही जातीय जनगणना कराकर अनूसूचित जाति, अनूसूचित जनजाति एवं OBC की महिलाओं के भी आरक्षण का इंतजाम किया जाए। सरकार को इस कदम को उठाने के लिए जो आवश्यकता है, वो उस पर अमल करे। मैं मांग करती हूं कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम के मार्ग में आने वाली सभी अड़चनों को दूर करते हुए उसे जल्द से जल्द लागू किया जाए। 

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