ऐसा कहा गया है की मूल रामायण की रचना ऋषि वाल्मीकि ने की थी। वही मान्यता है की तुलसी दास, संत एकनाथ और इत्यादि ने भी रामयण की संस्करणों की रचना की है। प्रत्येक संस्करणों में अलग-अलग तरीके से कहानी की रचना की है, पर सब का मूल आधार एक ही है। ऐसा माना जाता है की रामायण की कथा चौथी और पांचवी शताब्दी ई.पू है। रामायण का हिन्दू धर्म में एक विशिष्ठ स्थान है। मनुष्य जाति के जीवन और उनके कर्मों का विस्तार से विवरण किया है। रामायण में भगवान राम और माता सीता का जन्म एवं जीवन यात्रा को दर्शया गया है। रामायण की कथा आप लोगो ने सुनी होगी या देखि भी होगी, पर आज हम आपको रामयण से जुड़े कुछ ऐसे रहस्यों के बारे में अवगत कराने जा रहे है जिससे आप अभी तक वंचित होंगे।
➜रामायण के हर 1000 श्लोक के बाद आने वाला प्रथम अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है।
गायत्री मंत्र में 24 अक्षर होते है और वाल्मीकि रामायण में 24,000 श्लोक है। रामायण के हर 1000 श्लोको के बाद आने वाले पहले अक्षर से गायत्री मंत्र बनता है। गायत्री मंत्र को सर्वप्रथम ऋगवेद में उल्लेख किया गया है।
➜रामायण में भगवान राम की बहन
भगवान राम के तीन भाइयो (लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न ) के आलावा एक बहन भी थी जिनका नाम "शांता' था। वे आयु में चारो भाइयो से बड़ी थी, उनकी माता कौशल्या थी।
➜कौन से वन में किया था वनवास
भगवन राम, सीता और लक्ष्मण ने दंडकारण्य नाम के वन में अपनी वनवास यात्रा पूरी की थी। दंडकारण्य वन 35,600 वर्ग में फैला हुआ था।
➜ भगवान राम विष्णु जी के अवतार थे लेकिन उनके अन्य भाई किसके अवतार थे
रामायण में भगवन राम को विष्णु जी का अवतार माना गया है। वही रामायण में उनके भाइयो के अवतार के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी नहीं दी गयी है। लक्ष्मण जी शेषनाग के अवतार है, जबकि भरत और शत्रुघ्न को भगवान विष्णु द्वारा हाथो में धारण किये गए सुदर्शन चक्र और शंख-शैल का अवतार माना गया है।
➜भगवान शिव जी के धनुष का नाम
श्री राम का सीता से विवाह एक स्वयंवर के माध्यम से हुआ था। यह सब तो हम जानते ही है पर भगवान राम ने शिव जी के जिस धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढाई थी, उस धनुष का नाम शायद ही आपको पता होगा तो उस धनुष का नाम "पिनाक" था।
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