नई दिल्ली: ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील से सामान मंगवाने से पहले अच्छी तरह से विचार कर के ही मंगवाएं क्योंकि स्नैपडील अब अपनी रिटर्न पॉलिसी के नियमों में बदलाव करने जा रहा है। इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट्स को रिटर्न करना टेढ़ी खीर होगा। किसी सामान को वापस करने के लिए कस्टमर को दस्तावेज भी देने होंगे।
यह दस्तावेज स्नैपडील के ऑथराइज्ड सर्विस सैंटर से बनेंगे, जिसमें सामान को हदलने के कारण बताने होंगे। डॉक्युमेंट बनने के 7 दिनों के भीतर इसे कंपनी को देना होगा, इसके बाद ही सामान वापस हो सकेगा। हालांकि, स्नैपडील का कहना है कि यह पॉलिसी पुरानी है। लेकिन कुछ सेलर्स का कहना है कि उन्हें 11 जुलाई को मिले ई-मेल से पहले इसकी जानकारी नहीं थी।
कंपनी ने विक्रेताओं को भेजे ई-मेल में कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स के लिए हमें ब्रैंड/ओईएम के सर्विस सेंटर से एक डॉक्युमेंट चाहिए होता है। जिसमें बताया जाता है कि जो सामान डिलीवर हुआ है, उसमें गड़बड़ी है। रिफंड या रिप्लेसमेंट रिक्वेस्ट की प्रोसेसिंग से पहले हम शिकायत की जांच के लिए क्वॉलिटी चेक करेंगे।
वही आइटम्स रिटर्न या रिप्लेस होंगे जिसमें वाकई में गड़बड़ी पाई जाएगी। कंपनी के इस कदम का विक्रेताओं ने स्वागत किया है। ऑनलाइन सेलर्स ग्रुप ई-सेलर सुरक्षा फोरम के संजय ठाकुर ने कहा कि सबसे बड़ा बदलाव नो क्वेश्चन आस्क्ड पॉलिसी को हटाया जाना है जिससे उनकी डिलिवरी कॉस्ट बढ़ जाती है। अब बेवजह की वापसी और ग्राहकों के फ्रॉड्स कम होंगे।