छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में कमी से बचतकर्ताओं की परेशानी बढ़ी
छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दर में कमी से बचतकर्ताओं की परेशानी बढ़ी
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नई दिल्ली - पब्लिक प्रॉविडेंट फंड और नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट जैसी सरकार की छोटी बचत योजनाओं पर अब कम ब्याज मिलेगा. इन योजनाओं पर अक्टूबर से दिसम्बर की तिमाही के लिए वित्त मंत्रालय ने ब्याज दर में कमी का फैसला किया है. ब्याज दर में 0.1 फीसदी की कमी की गई है. नई दर 1 अक्टूबर से लागू होगी और 31 दिसम्बर तक प्रभावी होगी.

यहां यह उल्लेख प्रासंगिक है कि इन ब्याज दरों का फैसला हर तीन महीने में होने वाली समीक्षा पर निर्भर रहता है.समीक्षा के समय समान मियाद के सरकारी बांड पर बाजार में प्रचलित ब्याज दर को आधार बनाया जाता है. एक तय समय के दौरान यदि ब्याज दर में गिरावट का रुख होता है तो छोटी जमा योजनाओं पर भी ब्याज दर में कमी की जाती है.

अब बदली हुई दरों के अनुसार 15 साल वाले पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ और पांच साल वाले नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट यानी एनएससी पर ब्याज दर 8.1 फीसदी के बजाए 8 फीसदी होगी.इसी तरह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को बढ़ावा देने के मकसद से शुरु की गयी सुकन्या समृर्द्धि योजना पर नयी ब्याज दर 8.5 फीसदी होगी जबकि पहले ये 8.6 थी.

दूसरी ओर किसान विकास पत्र में यदि पहली अक्टूबर को आप पैसा लगाते हैं तो पहले जहां 110 महीने यानी 9 साल दो महीने में आपका पैसा दोगुना हो सकता था, वही अब ये 112 महीने यानी 9 साल चार महीने लगेंगे.इसमें निवेश करने पर टेक्स में छूट नहीं मिलती.ब्याज दर में की गई इस कमी से सबसे ज्यादा परेशानी बुजुर्गों को उठाना पड़ेगी , क्योकि 5 वर्ष के लिए सीनियर सीटिजंस सेविंग्स सर्टिफिकेट पर ब्याज दर 8.6 फीसदी से घटाकार 8.5 फीसदी कर दी गई है.

EPF और PPF ब्याज दरों में होगी कटौती

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