लखनऊ: सपा के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कारसेवकों को अराजतक तत्व बताया तथा यह भी बताया कि तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार ने कारसेवकों पर गोली क्यों चलवाई थी? स्वामी प्रसाद ने कहा, जिस वक़्त अयोध्या में राम मंदिर पर घटना घटी थी, वहां पर बिना किसी न्यायपालिका या प्रशासनिक के आदेश के बड़े पैमाने पर अराजतक तत्वों ने तोड़फोड़ की थी। आगे स्वामी प्रसाद ने कहा, तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा के लिए, अमन-चैन कायम करने के लिये गोली चलवाई थी। वो सरकार का अपना कर्तव्य था तथा सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया था।
बता दें कि 33 वर्ष पहले 1990 में अयोध्या के हनुमान गढ़ी जा रहे कारसेवकों को गोलियां चलाई गईं थीं। तब उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार थी तथा मुलायम सिंह यादव सीएम थे। हिंदू साधु-संत अयोध्या कूच कर रहे थे। उन दिनों भक्तों की भारी भीड़ अयोध्या पहुंचने लगी थी। प्रशासन ने अयोध्या में कर्फ्यू लगा रखा था, इसके चलते भक्तों के प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। पुलिस ने बाबरी मस्जिद के 1।5 किलोमीटर के दायरे में बैरिकेडिंग कर रखी थी। कारसेवकों की भीड़ अनियंत्रित हो गई थी।
वही पहली बार 30 अक्टूबर, 1990 को कारसेवकों पर चली गोलियों में 5 व्यक्तियों की मौत हुई थी। इस घटना के पश्चात् अयोध्या से लेकर देश का माहौल पूरी तरह से गर्म हो गया था। इस गोलीकांड के दो दिनों पश्चात् ही 2 नवंबर को हजारों कारसेवक हनुमान गढ़ी के करीब पहुंच गए थे। इस घटना के दो वर्ष पश्चात् 6 दिसंबर, 1992 में विवादित ढांचे को गिरा दिया गया था। वर्ष 1990 की घटना के 23 वर्ष पश्चात् जुलाई 2013 में मुलायम सिंह यादव ने एक बयान में कहा था कि उन्हें गोली चलवाने का अफसोस है, मगर उनके पास अन्य कोई विकल्प नहीं था।
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