शंकराचार्य के बेबाक बोल, मोदी हैं ख़लीफ़ा - News Track Exclusive
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न्यूज ट्रैक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक धर्माचार्य हैं। वे खुद ख़लीफ़ा जैसा बन गए है। यह आरोप न्यूज़ ट्रैक से फ़ोन पर हुई एक्सक्लूसिव बातचीत में द्वारकापीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने लगाया। आगे कहा- धर्माचार्य का ही शासन इस देश पर चल रहा है। स्लाटर हाउसेस में गौमांस निर्यात के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनों पर सब्सिडी देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं। देश में हालात ये है कि आजादी के बाद भी गीता और रामायण स्कूली पाठ्यक्रमों में नहीं पढ़ाई जा सकतीं हैं। जब महाराष्ट्र सरकार ने गौ - मांस को प्रतिबंधित कर दिया तो कुछ नेताओं ने इसका विरोध किया और मुसलमानों को गौ मांस की अनुपलब्धता पर बेचारा कहा गया। 

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राम मंदिर निर्माण से बीजेपी का लेना- देना नही -

शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने असहिष्णुता का विरोध तो किया ही लेकिन उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार को भी खरी - खरी सुनाई। न्यूज ट्रेक से विशेष चर्चा में उन्होंने राम मंदिर के मसले पर भाजपा को घेरा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में कभी बाबर ने मस्जिद बनवाई ही नहीं थी। वहां मंदिर था। जब उनसे राम मंदिर निर्माण पर सवाल किया गया तो उन्होंने बीजेपी को राजनैतिक पार्टी बताते हुए कहा की, मोदी सरकार को इससे कोई लेना देना नही है। राम मंदिर का निर्माण संत समुदाय ही करेगा।

मोदी को धर्माचार्य बताकर, ख़लीफ़े से कर डाली तुलना -

उन्होंने अपनी चर्चा के दौरान कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ही धर्माचार्य हैं। जिस तरह से खलीफा धर्माचार्य होता था वह शासक भी होता था। इसी तरह से पीएम मोदी भी हो गए हैं। मोदी का विरोध बीफ निर्यात को लेकर किया जाना चाहिए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि गौ मांस के निर्यात को पीएम मोदी ही बढ़ावा दे रहे हैं। मोदी को इसे रोकना चाहिए। मगर सरकार इसे बढ़ावा दे रही है। मोदी सरकार का इस मामले में विरोध होना चाहिए।

शंकराचार्य ने कहा कि जब महाराष्ट्र सरकार ने गौ मांस पर प्रतिबंध लगाया तो कुछ नेताओं ने यहां तक  कहा कि इससे बेचारे मुसलमानों को उचित तरह से प्रोटीन नहीं मिल सकेगा। गाय के दूध में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता है, जो की गौ हत्या के कारण लोगो तक नही पहुंच रहा है। इस बात की फ़िक्र नही है। बीफ को उन्होंने राष्ट्रीय समाजवाद की जड़ बताया है और कहा है कि बीफ को प्रतिबंधित किया जाना जरूरी है।

ईसाई चला रहे है धर्मान्तरण का अभियान-

शंकाराचार्य की इन टिप्पणियों को बहुत ही अहम माना जा रहा है। न्यूज ट्रेक से हुई टेलिफोनिक चर्चा में शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने धर्मांतरण को चिंता का विषय बताया। उन्होंने कहा कि जब से भारत स्वतंत्र हुआ है धर्मनिरपेक्ष स्कूलों में रामायण और गीता नहीं पढ़ाई जा सकती हैं। ईसाई धर्मांतरण का अभियान चला रहे हैं मगर भारत सरकार इस पर रोक नहीं लगा  रही है।

ओवैसी को चेताया-

उन्होंने ओवैसी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि वह कहता है कि वह न्यायालय को मानते हैं। मगर उत्तरप्रदेश उच्चन्यायालय के एक निर्णय पर वे ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसमें यह तथ्य सामने आया है कि श्री रामजन्मभूमि पर मंदिर था। बाबर ने कभी मस्जिद नहीं बनाई थी। इस बारे में उन्होंने कहा कि मैंने अपनी आंखों से देखा था कि इस स्थल पर मंदिर के पुराने स्तंभ थे। ये स्तंभ मंदिर के पुरा अवशेष हैं। उन्होंने मंदिर निर्माण में भाजपा की भूमिका को लेकर कहा कि वह तो एक राजनीतिक पार्टी है। मंदिर का निर्माण तो साधु - संतों द्वारा किया जाएगा। वही मंदिर बनाऐंगे। उन्होंने कहा कि देश का एक ही धर्म होगा। भारत का संविधान ही एक धर्म होगा। जो उसका अनुसरण करेगा वह इस देश में रहेगा।

पुरस्कार वापसी को बताया गलत -     

साहित्यकारों द्वारा असहिष्णुता के मसले पर विरोध जताने और अवार्ड वापस लौटाने को लेकर उन्होंने कहा कि साहित्यकारों का ऐसा रूख मनोवैज्ञानिक तरह से मानसिक विकार हैं। ये बहुत महत्वाकांक्षी हैं। मगर उन्हें अपने विरोध के  तरीकों और विरोध के कारण पर विचार करना चाहिए।

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