महादेवन ने उठाया आईफा समीक्षकों की काबिलियत पर सवाल
महादेवन ने उठाया आईफा समीक्षकों की काबिलियत पर सवाल
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'दिल धड़कने दो' फिल्म में मशहूर संगीतकार तिकड़ी शंकर-एहसान-लॉय के संगीत को फिल्म समीक्षकों से अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है, लेकिन तिकड़ी के शंकर महादेवन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने समीक्षकों की काबिलियत पर ही सवाल उठा दिए. महादेवन ने यहां रविवार को तीन दिवसीय इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकेडमी (आईफा) वीकेंड एंड अवार्ड्स में एक संगीत कार्यशाला के बाद कहा, "फिल्म समीक्षक कौन हैं? क्या उन्हें संगीत की समझ है?

क्या उन्होंने इस क्षेत्र में स्वयं को साबित किया? मुझे याद है कि जब हमने 'दिल चाहता है' में संगीत दिया था, तो कुछ फिल्म समीक्षकों ने कहा था कि इसके गाने जिंगल जैसे लगते हैं. 'दिल धड़कने दो' के गाने 'गल्लां गुड़ियां', 'पहली बार' और 'गर्ल्स लाइक टू स्विंग' को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. यहां संगीत कार्यशाला में महादेवन ने 'दिल चाहता है' के शीर्षक गीत का अरबी संस्करण तक गाकर सुनाया.

महादेवन के बेटे सिद्धार्थ, भतीजे सौमिल एवं लॉय की बेटी एलिसा ने 'भाग मिल्खा भाग' फिल्म के गीत 'जिंदा' का हिप-हॉप संस्करण तैयार कर अपनी संगीत प्रतिभा का नमूना पेश किया. महादेवन उनकी प्रतिभा को देख खुश दिखाई दिए. उन्होंने बताया, "मुझे उन पर गर्व है, सिर्फ इसलिए नहीं कि वे हमारे बच्चे हैं. वे अगली पीढ़ी हैं और उनमें बहुत गहराई है, छिछलापन नहीं है.

महादेवन की एक ऑनलाइन संगीत अकादमी है. उनका मानना है कि संगीत को सीखना एवं उसका अभ्यास करना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा, "आप संगीत सीखे बिना सफल हो सकते हैं, लेकिन इस सफलता का गुणवत्ता से कोई लेना-देना नहीं है.

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