Apr 20 2016 09:30 PM
मुंबई। महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर मंदिर के मामले में बॉम्बे हाइ कोर्ट में दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। ठाणे की रहने वाली सुनीता पाटिल ने याचिका दायर कर कोर्ट से अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की थी।
याचिकाकर्ता के वकील सुभाष झा ने अदालत में कहा कि महाराष्ट्र हिन्दू प्लेसेस वर्शिप एंट्री ऑथराइजेशन कानून को गलत अर्थ में समझा गया है। उनका तर्क है कि यह कानून दलित और अछूतों को मंदिर में जाने का अधिकार देने के लिए है, न कि लिंग भेद पर रोक लगाने के लिए है।
इस पर कोर्ट का कहना था कि हमने कानून के हर पहलू पर विचार करने के बाद ही निर्णय सुनाया था। इसके पहले विद्या बाल की याचिका पर अदालत ने 1956 के उसी कानून का पालन करने का आदेश दिया था। बता दें कि कोर्ट ने शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं को 400 साल की परंपरा को तोड़ते हुए पूजा करने का अधिकार दिया था।
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