शनिवार के दिन को शनिदेव का दिन कहा जाता है और शनिदेव के दिन उनकी पूजा करने से बहुत से लाभ मिलते हैं. जी हाँ, आप सभी जानते ही होंगे कि शनि देव को ही परमात्मा ने सभी लोकों का न्यायाधीश बनाया है और वह ही कर्ता-धर्ता माने जाते हैं. ऐसे में कहा जाता है कि शनि देव त्रिदेव और ब्रह्मांड निवासियों में बिना किसी भेद के उनके किए कर्मों की सजा उन्हें देते हैं और जब कोई बुरे काम करता है तो उसे उसके काम कि सजा जरूर मिलती है. अब अगर आपको भी लगता है कि शनिदेव आपसे रुष्ट हैं या फिर आप शनिदेव को हमेशा खुश रखना चाहते हैं तो आप इन मन्त्रों का जाप कर सकते हैं. जी हाँ, अगर आप चाहते हैं आपसे शनिदेव हमेशा खुश रहें और आपकी हर मनोकामना पूरी करें तो आप इन मन्त्रों का जाप शुरू कर दें.
शनि देव का तांत्रिक मंत्र –
ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनये नमः.
शनि देव के वैदिक मंत्र –
ऊँ शन्नो देवीरभिष्टडआपो भवन्तुपीतये.
शनि देव का एकाक्षरी मंत्र –
ऊँ शं शनैश्चाराय नमः.
शनि देव का गायत्री मंत्र –
ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्..
भगवान शनिदेव के अन्य मंत्र –
ऊँ श्रां श्रीं श्रूं शनैश्चाराय नमः.
ऊँ हलृशं शनिदेवाय नमः.
ऊँ एं हलृ श्रीं शनैश्चाराय नमः.
ऊँ मन्दाय नमः.
ऊँ सूर्य पुत्राय नमः.
साढ़ेसाती से बचने के मंत्र –
ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम .
उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात ..
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये.
शंयोरभिश्रवन्तु नः..
ऊँ शं शनैश्चराय नमः..
क्षमा के लिए शनि मंत्र :-
अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेहर्निशं मया.
दासोयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वर..
गतं पापं गतं दुरू खं गतं दारिद्रय मेव च.
आगतारू सुख-संपत्ति पुण्योहं तव दर्शनात्..