शक्ति बोले : वो दिन मैं कभी भी नहीं भूलता
शक्ति बोले : वो दिन मैं कभी भी नहीं भूलता
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बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेताओ में शुमार अभिनेता शक्ति कपूर फिल्म इंडस्ट्री में आज जिस मुकाम पर हैं, वहां उन्होंने पहुँचने के लिए इस इंडस्ट्री में कड़ी मेहनत की हैं। साल 1980 के दौर में शक्ति कपूर को बतौर अभिनेता पहचाना जाने लगा। तथा बता दे की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कॉमिक और विलेन का किरदार निभाकर मशहूर हुए एक्टर शक्ति कपूर 58 साल के हो गए हैं। 3 सितंबर, 1958 को जन्में शक्ति कपूर ने अपने फिल्मी करियर में 750 से ज्यादा फिल्में की है। उस साल उनकी दो फ़िल्में क़ुरबानी और रॉकी ब्लॉकबस्टर हिट फ़िल्में साबित हुई थी।

इन दोनों ही फिल्मों में उन्होंने मुख्य खलनायक की भूमिका अदा की थी। शक्ति कपूर की शादी शिवानी कपूर से हुई हैं। उनकी दो बच्चे हैं, एक बेटा-सिद्धार्थ कपूर जोकि एक सहायक निर्देशक और डीजे हैं। उनकी बेटे श्रद्धा कपूर हैं। जोकि हिंदी सिनेमा की उभरती हुई अभिनेत्री हैं। हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कॉमिक और विलेन का किरदार निभाकर मशहूर हुए एक्टर शक्ति कपूर 58 साल के हो गए हैं। 3 सितंबर, 1958 को जन्में शक्ति कपूर ने अपने फिल्मी करियर में 750 से ज्यादा फिल्में की है। अपनी एक चर्चा के दौरान शक्ति कपूर ने कहा की अभी तो मैं भुवनेश्वर में एक ओडिया फिल्म की शूटिंग कर रहा हूं।

हमारे परिवार में ये मानना है कि अगर बर्थडे वाले दिन काम है तो काम पूरा करना चाहिए। शक्ति कपूर बोले कि, मेरी मां मुझे जन्मदिन पर कभी क्रिकेट का बैट देती थी और कभी सोने की चेन देती थी। जब मैं बड़ा हुआ तो मुझे लॉकेट के बड़े शौक थे तो मां मेरे लिए लॉकेट लाती थी। भगवान शिव का लॉकेट भी देती थी। पिताजी मुझे अच्छे-अच्छे कपड़े बनवा कर दिया करते थे। अस्सी और नब्बे के दशक में खलनायकी के किरदार के निर्देशकों और निर्मातायोँ की पहली पसंद अमरीश पूरी या फिर शक्ति कपूर ही होते थे।

मुझे याद है एक बार चेन्नई में शूटिंग कर रहा था और मेरी बीवी नाराज थी कि मैं बर्थडे पर मुंबई में क्यों नहीं था। उस वक्त श्रद्धा 6 या 7 साल की थी। तो मैंने 3 सितम्बर की सुबह सुबह डायरेक्टर रघुवेंद्र साहब से इजाजत लेकर मुंबई की फ्लाइट ले ली और जब घर पहुंचा तो मेरी बीवी नहीं थी। केवल श्रद्धा अपने रूम में थी और मुझे देखते ही उसने बर्थडे विश किया और कहा की मम्मी तो रात को आएंगी। अब मुझे लगा की मेरी तरफ से सरप्राइज बेकार हो गया। फिर श्रद्धा ने मेरा हाथ पकड़ा और हॉल में ले गई। पियानो पर हैप्पी बर्थडे बजाया और गाया भी। मेरी आंखों में आंसू आ गए और मेरा दिन बन गया। वो दिन मैं कभी भी नहीं भूलता।

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