जम्मू : उच्च न्यायालय द्वारा गौ मांस को लेकर लगाए गए प्रतिबंध के विरोध में अलगाववादी नेता मैदान में उतर आए हैं। अलगाववादियों ने विरोध की रूपरेखा तय कर ली है। माना जा रहा है कि अलगाववादी जुम्मे की नमाज़ के बाद अपना विरोध करेंगे। विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस द्वारा पहले से ही तैयारियां कर ली गई हैं। कुछ नेताओं को नज़रबंद कर लिया गया है। अलगाववादी नेताओं ने हड़ताल की घोषणा की है वहीं बार एसोसिएशन ने इस मामले में कहा कि इस निर्णय को चुनौती दी जाएगी।
मिली जानकारी के अनुसार राज्य के उच्च न्यायालय द्वारा गौ-हत्या को लेकर लगाई गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई की गई। इस दौरान कहा गया कि गौ मांस प्रतिबंधित है और इसे इजाजत नहीं दी जा सकती। ऐसे में अलगाववादियों, धार्मिक और सियासी संगठनों ने विरोध करना प्रारंभ कर दिया। इस मसले को सियासी रंग देते हुए अलग ही रूप दे दिया गया। इससे कश्मीर में हिंसा भड़कने की संभावना बढ़ गई।
मामले में आॅल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेंस के कट्टरपंथी गुट के चेयरमैन अली शाह गिलानी द्वारा हाईकोर्ट के निर्देश के विरोध में कश्मीर बंद का आह्वान किया है। माना जा रहा है कि यह न्यायालय का अवमान है। इस मामले में यह बात भी सामेन आई है कि जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के चेयरमैन यासीन मलिक और हुर्रियत के उदारवादी गुट के अध्यक्ष मीरवाईज़ ने बंद का समर्थन किया है।
नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष नईम अहमद खान द्वारा ईद पर मवेशियों को मारने की अपील भी की है। यदि ऐसा होता है तो फिर घाटी में माहौल बिगड सकता है। ऐसा करना अलगावादियों के लिए भी सही नहीं कहा जा सकता क्योंकि ऐसे में उन पर पशु क्रूरता अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है।