नई दिल्ली : अनचाहे ऑनलाइन वीडियो विज्ञापनों से पीड़ित मोबाइल उपभोक्ताओं के हित में भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इस महीने उद्योग विशेषज्ञों के साथ इस मुद्दे पर संगोष्ठी का आयोजन करने जा रहा है. बता दें कि उपभोक्ता की जानकारी के बिना डाउनलोड होने वाले इन अनचाहे विज्ञापनों से उपभोक्ता की डेटा लागत बढ़ जाती है.
गौरतलब है कि इसी संदर्भ में हैदराबाद में 24 अक्तूबर को ट्राई द्वारा संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें नियामक गहराई से इस मुद्दे की समीक्षा कर विचार करेगा कि क्या इस तरह के डाउनलोड के नियमन की जरूरत है? इस बारे में एक अधिकारी ने कहा कि कुछ साइटों के अलावा सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर इस तरह के अनचाहे विज्ञापन उपभोक्ता की जानकारी के बिना डाउनलोड हो जाते हैं, जिससे डेटा की खपत होती है. क्योंकि डेटा का इस्तेमाल में पारदर्शिता नहीं होती.
अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मुद्दा सामग्री या कंटेंट के नियमन का नहीं है. यह डेटा का इस्तेमाल गैर पारदर्शी तरीके से होने के बारे में है. 20 से 30 पैसे प्रति एमबी के हिसाब से डेटा महंगा है. इस मुद्दे की समीक्षा करने की जरूरत है. इसीलिए यह संगोष्ठी आयोजित की गई है.