नई दिल्ली। दिल्ली हाइकोर्ट के फैसले के बाद भी केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के बीच अधिकारों की जंग जारी है। दिल्ली का बॉस कौन है कि लड़ाई अब देश की शीर्ष अदालत तक जा पहुंचा है। हाइ कोर्ट के फैसले से नाखुश दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। हाइकोर्ट ने अपने फैसले में दिल्ली के उपराज्यपाल को ही निर्णय लेने का अधिकार दिया था।
हाइकोर्ट ने केजरीवाल सरकार को झटका देते हुए कल अपने फैसले में कहा था कि ये न भूलें कि दिल्ली एक पूर्ण राज्य नहीं बल्कि केंद्र शासित राज्य है। जिस पर उपराज्यपाल का शासन होता है। लिहाजा एलजी नजीब जंग ही दिल्ली के प्रशासनिक प्रमुख हैं। जिस पर आज हुई सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के सूट का विरोध करते हुए कहा कि दिल्ली एक राज्य नहीं है इसलिए दिल्ली केंद्र के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं कर सकता।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने भी दिल्ली सरकार के मूल सूट पर सवाल उठाया। कोर्ट ने पूछा कि क्या मुद्दों को मूल सूट में उटाया गया है, जो कोर्ट के फैसले के दायरे में नहीं आता। अटॉर्नी जनरल ने इस मामले में कहा कि आप सरकार एक साथ दो मामलों में दावा नहीं कर सकती।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद फैसला सुनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 29 अगस्त की तारीख मुकर्रर की है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि उपराज्यपाल दिल्ली सरकार के हर फैसले को मानने के लिए बाध्य नहीं है। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली सरकार को बड़ा झटका लगा है।