देश की शीर्ष अदालत ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के उस आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें यूनिटेक का प्रबंधन कंपनी के संचालक की जगह केंद्र सरकार को देने के निर्देश दिए गए थे.अब इन बदले हालातों में यूनिटेक को सरकार टेक ओवर नहीं करेगी.
उल्लेखनीय है कि एनसीएलटी ने आदेश दिया था कि कंपनी का प्रबंधन कॉरपोरेट मामले के मंत्रालय को सौंपा जाए, इसके लिए ट्रिब्यूनल ने दस निदेशकों को नियुक्त करने का आदेश भी दिया था. इस आदेश को चुनौती देने के लिए यूनिटेक ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी. बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एनसीएलटी के इस फैसले पर आश्चर्य व्यक्त कर चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने तब कहा था कि ट्रिब्यूनल को पहले हमसे अनुमति लेनी चाहिए थी.
खास बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार की तरफ से पेश हुए अटॉर्नी जनरल केके वेनुगोपाल ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का समर्थन कर कहा कि सरकार ने NCLT से ऐसा फैसला देने को नहीं कहा था, बल्कि उन्होंने तो बताया था कि जब मामला कोर्ट में है तो उन्हें ऐसा फैसला नहीं देना चाहिए. बहरहाल, शीर्ष अदालत के इस आदेश से यूनिटेक को राहत मिल गई है .
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