नई दिल्ली : दिल्ली और एनसीआर 2 हजार सीसी या उससे अधिक की एसयूवी और लग्जरी कारों के रजिस्ट्रेशन पर लगे प्रतिबंध के मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर कम्पनियों से रोड़मेप और सुझाव मांगे हैं. इससे लगता है कि इन शक्तिशाली कारों को राहत मिल जाएगी. मर्सिडीज और टोयटा जैसी कम्पनियों की अर्जी पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कम्पनियों को कहा कि वे बताएं कि इनके रजिस्ट्रेशन पर कितना सेस लगाया जा सकता है और किस तरह से प्रदूषण मानकों को लागू किया जा सकता है.
इन कम्पनियों ने ऐसी डीजल गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर लगी रोक हटाने मांग की गई है. कोर्ट ने कहा वह इस पर विचार करने के लिए तैयार है लेकिन इसके लिए कम्पनियों को रोडमैप लाना होगा और ठोस सुझाव देने होंगे. साथ ही यह भी बताएं कि पंजीकरण के वक्त कितना सेस लगाया जा सकता है.
गौरतलब है कि गत 16 दिसंबर को प्रदूषण के मुद्दे पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2 हजार से ज्यादा सीसी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन पर दिल्ली और एनसीआर में रोक लगा दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस जनहित याचिका को विरोध के तौर पर नहीं, बल्कि लोगों की भलाई के नजरिए से देखा जाना चाहिए.