एसबीआई ने न्यूनतम शेष के नाम पर वसूले 1771 करोड़
एसबीआई ने न्यूनतम शेष के नाम पर वसूले 1771 करोड़
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नई दिल्ली : भारतीय स्टेट बैंक द्वारा खाते में न्यूनतम शेष न रखने वाले ग्राहकों से 1771 करोड़ रुपये शुल्क के रूप में वसूले जाने का मामला सामने आया है .आपको यह जानकर हैरानी होगी कि यह वसूला गया शुल्क एसबीआई की दूसरी तिमाही के कुल लाभ से भी ज्यादा है.

उल्लेखनीय है कि एसबीआई ने खाते न्यूनतम शेष न रखने वालों से ये शुल्क वसूला गया है. 1771 करोड़ रुपये की यह राश‍ि एसबीआई के जुलाई-सितंबर तिमाही के कुल लाभ से भी ज्यादा है. जुलाई-सितंबर में एसबीआई का कुल लाभ 1,581.55 करोड़ रुपये था.

बता दें कि एसबीआई ने पांच साल बाद इस शुल्क की वसूली फिर शुरू की थी.एसबीआई मेट्रो और शहरी क्षेत्र में बचत खातों में न्यूनतम शेष न रख पाने की स्थिति में यह शुल्क वसूला जाता है. पहले यह शुल्क 5000 रुपये था, जिसे घटाकर 3000 रुपये कर दिया गया. एसबीआई ने पेंशनभोगियों, पहला कदम पहली उड़ान खातों और अवयस्क बच्चों के खातों को मुक्त रखा गया है.

यदि आप इस न्यूनतम शेष की झंझट से बचना चाहते हैं  तो  इसके लिए संबंधित एसबीआई की शाखा में जाकर  खाता  बदलने के लिए आवेदन करना होगा.जहां आप अपना खाता बेसिक सेविंग्स डिपोजिट अकांउट ,जनधन खाता, स्मॉल सेविंग्स अकाउंट और सैलरी अकाउंट में परिवर्तित करा सकते हैं. इन खातों में न्यूनतम शेष  रखने की अनिवार्यता नहीं होती.

 

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