शाकंभरी जयंती पर जरूर करें इस मंत्र का जाप, मिलेगा सौभाग्य
शाकंभरी जयंती पर जरूर करें इस मंत्र का जाप, मिलेगा सौभाग्य
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सभी इस बात से वाकिफ है कि इन दिनों शाकंभरी नवरात्रि चल रही है और 21 जनवरी को मां शाकंभरी जयंती मनाई जाने वाली है. ऐसे में शाकंभरी नवरात्रि के 9 दिनों में नीचे लिखे मंत्रों का जाप करके मां दुर्गा की आराधना करके कोई भी साधक पूरा जीवन सुख से बिता सकता है. कहते हैं अगर इन मन्त्रों का जाप 9 दिन ना किए हो तो 21 जनवरी को भी कर सकते हैं. जी हाँ, जीवन में धन और धान्य से परिपूर्ण रहने के लिए नवरात्रि के दिनों में इन मंत्रों का प्रयोग अवश्‍य करना चाहिए वह भी 108 बार.

आइए जानते हैं देवी शाकंभरी के स्वरूप का वर्णन - आप सभी को बता दें कि पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी शाकंभरी आदिशक्ति दुर्गा के अवतारों में एक हैं. कहते हैं दुर्गा के सभी अवतारों में से रक्तदंतिका, भीमा, भ्रामरी, शाकंभरी प्रसिद्ध हैं और दुर्गा सप्तशती के मूर्ति रहस्य में देवी शाकंभरी के स्वरूप का वर्णन निम्न मंत्र के अनुसार इस प्रकार किया गया है.

मंत्र- शाकंभरी नीलवर्णानीलोत्पलविलोचना.
मुष्टिंशिलीमुखापूर्णकमलंकमलालया..

अनुवाद - मां देवी शाकंभरी का वर्ण नीला है, नील कमल के सदृश ही इनके नेत्र हैं. ये पद्मासना हैं अर्थात् कमल पुष्प पर ही विराजती हैं. इनकी एक मुट्‌ठी में कमल का फूल रहता है और दूसरी मुट्‌ठी बाणों से भरी रहती है. 

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