लुधियाना : 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी सज्जन कुमार ने भले ही लाई डिटेक्टर परीक्षण के लिए अपनी सहमति दे दी हो, लेकिन दंगा पीड़ितों को न तो सरकार पर और न ही सज्जन कुमार पर भरोसा है . इसलिए उन्होंने लाइ डिटेक्टर टेस्ट सार्वजनिक यानी उनके सामने करने की मांग की है.
आपको बता दें कि 1984 के सिख विरोधी दंगों के आरोपी कांग्रेस नेता सज्जन कुमार ने सोमवार को अदालत में लाई डिटेक्टर टेस्ट के लिए अपनी सहमति दे दी. अदालत ने सीएफएसएल डायरेक्टर को निर्देश दिया है कि वह 30 मई को कुमार का यह टेस्ट कराने के इंतजाम करें .खास बात यह है कि सज्जन कुमार ने कोर्ट को बताया कि वह अपनी मर्जी से खुद के खर्च पर इस टेस्ट के लिए मंजूरी दे रहे हैं, ताकि सच सबके सामने आ सके.
गौरतलब है कि शिकायतकर्ता हरविंदर सिंह द्वारा जस्टिस रंगनाथ मिश्रा जाँच आयोग के सामने 9 सितंबर 1985 को दिए गए हलफनामे के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया था.5 सितंबर 2016 कोकोर्ट के सामने दिए गए अपने बयान में हरविंदर सिंह ने कहा था कि कुमार ने ही 1 नवंबर 1984 को गैरकानूनी रूप से जमा होने के लिए भीड़ को उकसा कर उनके ऊपर भी हमला किया गया था जिसमें वे बहुत गंभीर घायल हुए थे. इस हमले में उनके पिता और जीजा की हत्या कर दी गई थी.
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