कोच्चि। अमेरिका में भारतीय अनिवासियों पर होने वाले हमले और हिंसा को लेकर मीडिया का रूख काफी अलग रहा है। इन घटनाक्रमों को अधिक महत्व देते हुए दिखाया गया जबकि इन्हें इस तरह से नहीं दिखाया जाना चाहिए था। हालांकि इस तरह की घटनाओं को सामान्य नहीं कहा जा सकता है और विदेशी जमीन पर इस तरह की घटनाऐं बंद हो जाना चाहिए। यह बात राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विश्व विभाग के कोआॅर्डिनेटर सदानंद सप्रे ने कही।
वे कोच्चि में भारतीय विचार केंद्रम के कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे इस दौरान सदानन्द सप्रे का कहना था कि इस तरह की घटनाओं का अधिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। 1960 का वह दौर बेहद मुश्किल था जब युगांडा में ईदी अमीन का कार्यकाल था। ऐसे में भारतीय हमले का शिकार हो जाते थे साथ ही इन लोगों को देश से निकाल दिया जाता था।
उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाऐं भारत में भी हो सकती हैं। भारत में ही मुंबई में बिहार के लोगों पर हमले हुए थे। मगर इन घटनाओं को बढ़ाचढ़ाकर नहीं बताना चाहिए। उनका कहना था कि हिंदू स्वयंसेवक संघ विदेशों में इस तरह की घटनाओं के शिकार लोगों की मदद करता है।
जब Anchor ने चखा मानव खोपड़ी का स्वाद!
Terrorism की साजिश रचने के आरोप में अमेरिका में भारतीय गिरफ्तार
भारतीय की हत्या के 6 दिन बाद अमेरिकी प्रशासन ने तोड़ी चुप्पी