नई दिल्ली। रियो ओलिंपिक में भारत की ओर से भेजे गये खिलाड़ियों के दल हेतु भारत के खेल मंत्रालय की ओर से 180 करोड़ का खर्च किया गया है, बावजूद इसके भारत की झोली में सिर्फ 2 पदक ही आ सके है। यदि बैडमिंटन में पीवी सिंधू या महिला कुश्ती प्रतियोगिता में साक्षी मलिक जोर नहीं लगाती तो संभवतः भारत के पास कांस्य और रजत पदक भी नहीं आ सकते थे। कुल मिलाकर हमे एक पदक 90 करोड का पड़ा है।
बताया गया है कि ओलिंपिक में भारतीय खिलाड़ियों से अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद रखी गई थी और इसके चलते खेल मंत्रालय की ओर से 180 करोड की राशि खर्च कर दी गई। बावजूद इसके दो पदक ही मिल सके है। अब खेल मंत्रालय के अधिकारी इस बात का आंकलन करने में जुटे हुये है कि आखिर कहीं उसने खिलाड़ियों का चयन करने में कहीं भूल तो नहीं की है। बताया जाता है कि मंत्रालय ने बीते दो वर्षों में यह भारी राशि खर्च की है। इस राशि में खिलाड़ियों को रियो भेजने के साथ ही अन्य सभी सुविधाएं देना शामिल है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार खेल मंत्रालय ने अपनी बजट राशि में इसलिये इतनी बढोतरी की थी कि ओलिंपिक में भारत के खिलाड़ी श्रेष्ठ प्रदर्शन कर भारत का नाम गौरवान्वित करें। पहले बजट 45 करोड था लेकिन बाद में इस राशि को चार गुना बढ़ा दिया गया, ताकि भारतीय खिलाड़ियों को यह मलाल नहीं रहे कि सरकार ने उन्हें सुविधाएं देने में कोताही बरती है।