अगर हेल्थी रहना है, तो सोते समय इन दिशाओं पर ध्यान दे
अगर हेल्थी रहना है, तो सोते समय इन दिशाओं पर ध्यान दे
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पूरे दिन भर की भाग दौड़ के बाद जब हम थक कर चूर हो जाते है तो घर पहुंचते हैं ही बस एक चीज दिखाई देती, 'बिस्तर'. भौतिक चीजों की तरह ही सोना भी हमारे लिए जरूरी होता है. लेकिन कुछ लोग सोने को लेकर इतने ज्यादा सीरियस नहीं होते और अनजाने में कई तरह की लापरवाही कर जाते है. यदि आप इस नुकसान से बचना चाहते है और एक सेहतमंद और हेल्थी नींद व लाइफ स्टाइल जीना चाहते है तो इन चीजों का ख्याल रखे.

रात को खाना खाने के तुरंत बाद सोने नहीं जाना चाहिए. खाना खाने के तीन घंटे बाद आप सोने जा सकते है. सोने से पहले आप भगवान का स्मरण करें, दो मिनट तक वज्रासन करें. अगले दिन की प्लानिंग करें. खुद को रिलैक्स करने के लिए आप अपना पसंदीदा गाना भी सुन सकते हैं, ऐसा करने से आप तनावरहित रहेंगे और अच्छा महसूस करेंगे.

पूर्व या दक्षिण दिशा की ओर सिर करके सोने से बीमारियों से निजात मिलती है. इसके पीछे एक वैज्ञानिक कारण भी है, पूरा सौर जगत ध्रुव पर आधारित है. ध्रुव के आकर्षण से दक्षिण से उत्तर दिशा की ओर प्रगतिशईल विद्युत प्रवाह हमारे शरीर में प्रवेश करता है और पैरों के रास्ते निकल जाता है. इस प्रक्रिया की वजह से खाना आसानी से पच जाता है. अगर हम उत्तर दिशा की ओर सिर करके सोते हैं तो परिणाम इसके उलट होते हैं और हम कई बीमारियों का शिकार भी हो सकते हैं.

हमेशा बाई करवट पर सोये. इस धारणा के पीछे भी वैज्ञानिक आधार है. दरअसल यह प्रक्रिया स्वर विज्ञान पर आधारित है. हमारी नाक से जो श्वास बाहर निकलती और अन्दर आती है उसे स्वर कहते हैं. नाक के बाएं छिद्र से सांस लेने व छोड़ने की क्रिया को चन्द्र स्वर कहते हैं. इसी तरह दाहिनी ओर का स्वर सूर्य स्वर कहलाता है. सूर्य स्वर हमारे शरीर में उष्मा उत्पन्न करता है. इससे भी भोजन पचने में मदद मिलती है. इसीलिए हमारे शास्त्रों में बाईं करवट सोने को कहा गया है.

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