मजार-ए-शरीफ : अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ शहर में स्थित भारतीय दूतावास पर हुए आतंकी हमले के बाद आतंकियों ने दीवार पर एक नोट छोड़ा। 4 आतंकियों के मारे जाने से पहले इसमें लिखा था कि यह हमला आतंकी अफजल गुरु को मारे जाने का बदला है। यह नोट उर्दू में लिखा हुआ था। मैसेज थाः अफजल गुरु का इंतकाम। दूसरा नारा था- एक शहीद और हजार फिदायीन।
अफजल गुरु जम्मू कश्मीर का रहने वाला था। वो 13 दिसंबर 2000 में संसद पर हुए हमले का दोषी था। जिसे 2013 में फांसी की सजा दी गई थी। बता दें कि रविवार की रात को आतंकियों ने इंडियन कॉन्स्युलेट पर अचानक हमला बोल दिया था। 25 घंटे तक एनकाउंटर चला और चारों आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया गया। सोमवार को जब बिल्डिंग की तलाशी ली गई, तब यह नारे दीवार पर लिखे पाए गए।
इसी इमारत में दो आतंकी भी छिपे थे। जिन्होने दीवारों में छेद कर सिक्युरिटी फोर्सेज पर फायरिंग की थी। कहा जा रहा है कि इस हमले और पठानकोट हमले दोनों में कोई न कोई कनेक्शन है। पठानकोट पर हमला जैश-ए-मोहम्मद ने की, जिसका लीडर मसूद अजहर है। पठानकोट हमले से पहले आतंकियों ने गुरदासपुर के पूर्व एसपी सालविंदर सिंह को किडनैप किया था। इनके दोस्त राजेश ने पुलिस को बताया कि आतंकी अफजल गुरु की मौत का बदला लेना चाहते थे।
अफगानिस्तान के प्रेसिडेंट अशरफ गनी ने कॉन्स्युलेट पर हमले के बाद नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की। सूत्रों के मुताबिक, मोदी ने गनी से कहा था कि इस हमले के बाद भी भारत अफगानिस्तान को मिलिट्री सहायता देता रहेगा। भारत ने हाल ही में अफगानिस्तान को एमआई-25 हेलिकॉप्टर दिए हैं। इसके अलावा भी भारत अफगानिस्तान को आर्मी से जुड़े इक्युपमेंट्स सप्लाइ करता रहा है।