क्या हैं गणतंत्र?
सम्पूर्ण भारत में हर साल 26 जनवरी को स्कूल, कॉलेज, अस्पताल और ऑफिस में गणतंत्र दिवस मनाया जाता हैं. इस साल 2016 में हम अपना 67वा गणतंत्र दिवस मनाने जा रहे हैं. लेकिन अभी भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हे गणतंत्र का असली मतलब पता नहीं हैं. तो आखिर क्या हैं यह गणतंत्र? गणतंत्र का मतलब है वह शासन पद्धति जहां राज्यप्रमुख का निर्वाचन सीधे जनता द्वारा या जनता के प्रतिनिधियो के द्वारा किया जाता हैं. दूसरे शब्दों में राष्ट्रप्रमुख वंशानुगत या तानाशाही तरीके से सत्ता पर अपना अधिकार नहीं जमा सकता हैं.
आखिर क्यों मनाते हैं गणतंत्र दिवस?
गणतंत्र की परिभाषा के बाद दूसरा सवाल लोगों के मन में यह उठता हैं कि आखिर यह गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता हैं? हम आपको बता दे कि सन 1950 में भारतीय संविधान लागू हुआ था. इसी संविधान को सम्मान देने के लिए हम हर साल की 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं.
यह हैं संविधान से जुड़ीं कुछ दिलचस्प बातें
क्या क्या होता हैं गणतंत्र दिवस पर
गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में सभी बैंक, डाकघर, स्कूल, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों का अवकाश रहता हैं. पुलिस द्वारा सुरक्षा व्यवस्था का इस दिन विशेष ख्याल रखा जाता है. शहरों में जहाँ स्कूल और ऑफिस के लोग झंडावंदन कर देश के प्रति सम्मान प्रकट करते हैं तो वहीँ गाँवों में झंडावंदन उपरान्त स्कूल के बच्चे गलियों में रैली निकाल कर देशभक्ति के नारे लगाते हैं.
वहीँ दूसरी ओर हर साल भारत के प्रधानमंत्री इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर माला अर्पण करते हैं. भारत के राष्ट्रपति और और दिल्ली राज्य के राज्यपाल को सेना के द्वारा सलाम दिया जाता है. इसके अतिरिक्त कुछ चयनित लोगों को महावीर चक्र, अशोक चक्र, वीर चक्र जैसे पुरुष्कारों से नवाजा भी जाता हैं.
गणतंत्र दिवस के दौरान परेड प्रमुख आकर्षण का केंद्र होती हैं. जिसका सीधा प्रसारण दूरदर्शन के माध्यम से घर घर तक पहुंचाया जाता हैं. इस परेड के दौरान सेना बल के द्वारा मोटर साइकिल की सवारी कर तरह तरह के करतब दिखाए जाते हैं. इसके बाद हेलीकाप्टर से धुंध के माध्यम से आकाश में तीन रनों का तिरंगा बनाया जाता हैं. वहीँ इसके अलावा भारत की पारंपरिक संस्कृति, वेश भूषा और रहन सहन को अलग अलग प्रांतो के लोगो के द्वारा झांकी और नृत्य के द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं.
अंत में प्रधानमंत्री जी देश की जनता को सम्बोधित करते हुए देश एवं देश के नागरिको के लिए दौ शब्द कहते हुए इस समारोह का समापन करते हैं.
'अंकित पाल'