कम माइलेज देने पर उपभोक्ता अदालत ने कम्पनी पर लगाया हर्जाना
कम माइलेज देने पर उपभोक्ता अदालत ने कम्पनी पर लगाया हर्जाना
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अहमदाबाद : अब ऑटोमोबाइल कंपनियों को आपने विज्ञापन में वाहन का माइलेज बताते हुए बेहद सावधानी रखना पड़ेगी, क्योंकि शहर की उपभोक्ता अदालत ने ऑटो कंपनी को अपने वाहन में सुधार कर उसे बताए गए माइलेज देने जितना सक्षम बनाने के निर्देश दिए . कोर्ट का कहना है कि वाहन के माइलेज को लेकर जो वादा कंपनी ने किया है, उसे वह पूरा करना होगा.

दरअसल हुआ यूँ कि राजकोट सिटी के वरिष्ठ नागरिक गुवंत मेहता ने सितंबर 2014 में टीवीएस ज्युपिटर 52,150 रुपये में एक लोकल शोरूम से खरीदा था. कंपनी ने यह कहकर स्कूटर बेचा था कि यह 62 किमी/लीटर का माइलेज देता है. मेहता इसके माइलजे से असंतुष्ट रहे. उन्होंने बताया कि लगातार सर्विसेज के बावजदू इसके माइलेज में कोई सुधार देखने को नहीं मिला.कंपनी और शोरूम से बातचीत के बाद मेहता ने राजकोट उपभोक्ता कोर्ट में माइलेज न देने के एवज में रुपए वापस करने का दावा ठोंक दिया.कम्पनी ने भी अपना पक्ष रखा.

सुनवाई के बाद कोर्ट ने कम्पनी की दलीलों को ख़ारिज करते हुए कंपनी को आदेश दिया कि अगर वाहन रिपेयर होने के बाद भी 62 किमी का माइलेज देने में अक्षम है, तो ग्राहक को उसके रुपए वापस किए जाएं. इसके साथ ही कंपनी को ग्राहक को हर्जाने के तौर पर 10,000 रुपये अतिरिक्त अदा करने को भी कहा गया है.कोर्ट ने कहा कि अगर ग्राहक माइलेज से संतुष्ट नहीं है, तो कंपनी को इसके एवज में 52,000 रुपये 9 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने होंगे.

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