May 26 2016 06:03 AM
ये है बौद्ध-दीक्षा मंत्र :-
बुद्धं सरणं गच्छामि : मैं बुद्ध की शरण लेता हूं।
धम्मं सरणं गच्छामि : मैं धर्म की शरण लेता हूं।
संघं सरणं गच्छामि : मैं संघ की शरण लेता हूं।
बौद्ध धर्म क्या है?
यो च बुद्धं च धम्मं च संघं च सरणं गतो।
चत्तारि अरिय सच्चानि सम्मप्पञ्ञाय पस्सति॥
दुक्खं दुक्खसमुप्पादं दुक्खस्स च अतिक्कमं।
अरियं चट्ठगिंकं मग्गं दुक्खूपसमगामिनं॥
एतं खो सरणं खेमं एतं सरणमुत्तमं।
एतं सरणमागम्म सव्वदुक्खा पमुच्चति॥
बौद्ध धर्म कहता है कि जो आदमी बुद्ध, धर्म और संघ की शरण में आता है, वह सम्यक् ज्ञान से चार आर्य सत्यों को जान लेता है। ये आर्य सत्य हैं- दुख, दुख का हेतु, दुख से मुक्ति और दुख से मुक्ति की ओर ले जाने वाला अष्टांगिक मार्ग।
इसी मार्ग की शरण लेने से कल्याण होकर और मनुष्य सभी दुखों से छुटकारा पा जाता है।
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