लाल रंग होता है आत्मविश्वास का प्रतीक
लाल रंग होता है आत्मविश्वास का प्रतीक
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कलर थेरेपी  में  हमारे शरीर पर रंगों के पड़ने वाले प्रभाव का सीधा असर संबंधित चक्र पर निर्भर करता है. चक्र और रंगों की यह ऊर्जा इंसान के स्वास्थ्य  पर काफी असर डालती है.मान्यता है की लाल रंग आध्यात्मिक और धार्मिक रूप में जितना महत्व रखता है उतना ही लाल रंग जीवन शक्ति, साहस और आत्मविश्वास को बढ़ाता है. पीला रंग विवेक, सकारात्मकता और आत्मसम्मान का प्रतीक माना गया है.

सफेद रंग को शांति का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा यह रंग नकारात्मक विचारों से दूर करने में सक्षम है. ऐसे ही नारंगी रंग उत्साह का प्रतीक है. प्रकृति में मौजूद हरा रंग आंखों को सुकून पहुंचाने में सहायता करता है. बैंगनी रंग को परिवर्तन का प्रतीक माना गया है.

रंग थैरेपी में इसलिए भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि इनका सीधा संबंध शरीर के सात चक्र से है. बैंगनी रंग सहस्त्रहार चक्र से संबंधित है. इंडिगो रंग आज्ञा चक्र से संबंधित है.नीला रंग विशुद्ध चक्र से संबंधित है. हरे रंग का संबंध अनाहत चक्र से है.पीले रंग का संबंध स्वाछिष्ठान चक्र से होता है. नारंगी का संबंध मणिपुर चक्र से है. लाल रंग का संबंध मूलाधार चक्र से है. सफेद यह रंग इंद्रधनुष के सभी रंगों के संयोजन से बना है.

 

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