'रामसेतु नहीं टूटने देंगे..', तमिलनाडु सरकार की योजना का भाजपा ने किया विरोध, कांग्रेस ने भी की थी कोशिश
'रामसेतु नहीं टूटने देंगे..', तमिलनाडु सरकार की योजना का भाजपा ने किया विरोध, कांग्रेस ने भी की थी कोशिश
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चेन्नई: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भारत और श्रीलंका में फैली सेतुसमुद्रम जलमार्ग परियोजना का पुरजोर विरोध किया है। तमिलनाडु भाजपा इकाई के प्रमुख अन्नामलाई ने कहा है कि इससे केवल कुछ DMK नेताओं की शिपिंग कंपनियों को फायदा पहुंचेगा। अन्नामलाई ने सीएम एमके स्टालिन पर हमला बोलते हुए और सेतुसमुद्रम परियोजना के विरोध में कई ट्वीट किए हैं। इसके साथ ही कुछ हिंदू साधुओं ने जलमार्ग परियोजना पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि इससे रामसेतु को नुकसान पहुंचेगा।

अन्नामलाई ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'भाजपा ने तमिलनाडु के लोगों को स्पष्ट करने के लिए एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया था। भाजपा ने यह बताया है कि किस तरह तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने इस मामले पर विधानसभा को गुमराह किया और सेतु समुद्रम परियोजना के संबंध में झूठ बोला है।' अन्नामलाई ने अपने ट्वीट में लिखा कि, 'भाजपा का स्पष्ट कहना है कि हम इस परियोजना के लिए रामसेतु को तोड़ने की अनुमति नहीं देंगे।' उन्होंने यह भी कहा कि परियोजना की स्टडी करने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा बनाई गई टीम ने अभी तक रामसेतु पर अपनी रिपोर्ट नहीं रखी है।

सीएम स्टालिन पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि सुनामी विशेषज्ञ की सलाह को अनदेखा कर दिया गया है। अन्नामलाई ने कहा कि, 'तमिलनाडु के सीएम ने सुनामी विशेषज्ञ प्रोफेसर टाड एस मूर्ति की सलाह को भी अनदेखा कर दिया, जिन्होंने कहा था कि रामसेतु को तोड़ने से सुनामी आ सकती है।'

कांग्रेस भी चाहती थी रामसेतु तोड़ना:-

बता दें कि, कांग्रेस की मनमोहन सिंह सरकार ने भी सेतुसमुद्रम कॉर्पोरेशन लिमिटेड Setusamudram Corporation Limited नामक एक कंपनी बनाकर रामसेतु को तोड़ने का प्रयास किया था। उस समय भी भाजपा ने इसका पुरजोर विरोध किया था और सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुँचने के बाद इसे रोक दिया गया था। हालाँकि, कांग्रेस ने बाकायदा सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर भगवान श्रीराम को काल्पनिक बताया था। उस वक़्त कपिल सिब्बल कांग्रेस सरकार के वकील थे। 

प्राकृतिक नहीं, मानव निर्मित है रामसेतु:-

इसके बाद दुनियाभर के वैज्ञानिकों की निगाहें रामसेतु पर टिक गईं थी और इस पर शोध शुरू हो गए थे। एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका के साइंस चैनल ने तथ्यों के साथ ये दावा किया है कि भारत और श्रीलंका के बीच स्थित रामसेतु- प्राकृतिक नहीं, बल्कि मानव निर्मित है यानी इसे किसी मनुष्य ने बनाया था. अमेरिका के वैज्ञानिकों को इस बात के प्रमाण मिले हैं कि रामसेतु के पत्थर लगभग 7000 साल पुराने हैं। 

 

 

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