आज है 'बाबूमोशाय' की चौथी बरसी....
आज है 'बाबूमोशाय' की चौथी बरसी....
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बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार राजेश खन्ना की आज चौथी बरसी है। राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसम्बर 1942 व मृत्यु: 18 जुलाई 2012 में हुई थी. राजेश खन्ना एक भारतीय बॉलीवुड अभिनेता, निर्देशक व निर्माता भी थे। उन्होंने कई हिन्दी फिल्में बनायीं और राजनीति में भी प्रवेश किया। वे नई दिल्ली लोक सभा सीट से पाँच वर्ष 1991-96 तक कांग्रेस पार्टी के सांसद रहे। बाद में उन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया। 60 के दशक में राजेश खन्ना ने जब बॉलीवुड ज्वॉइन किया था तो उस दौर में उनकी छवि किसी रोमांटिक हीरो के जैसी थी। हालांकि उस दौर में और उससे पहले भी बड़े परदे पर लीडिंग सुपरस्टार्स दिलीप कुमार, राज कपूर, देव आनंद, धर्मेन्द्र, शम्मी कपूर और मनोज कुमार का बोलबाला था लेकिन राजेश खन्ना जैसा फेम शायद किसी के पास नहीं था।

आखिर राजेश खन्ना के पास ऐसा क्या था जो उन्हें इतना नेम और फेम मिला। राजेश खन्ना के पास रोजी कॉम्प्लेक्शन के साथ ही चमकती हुई आंखें, नटखट स्माइल और फैशनेबल इंडियन कपड़े उनकी पर्सनालिटी को एक अलग ही अंदाज देते थे। इसके अलावा राजेश खन्ना का डांसिंग और एक्टिंग का मेलोड्रैमेटिक स्टाइल, उनका बार-बार सिर हिलाकर डायलॉग डिलिवरी करने का अंदाज मानों सबसे जुदा ही था। 1972 में आई फिल्म 'आनंद' के लिए बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड जीतने वाले राजेश खन्ना ने दुनिया को अलविदा कहने से पहले अपने दामाद अक्षय कुमार को एक सलाह दी थी। उन्होंने कहा था - 'डांस, एंटरटेन और एक्शन अच्छा करो लेकिन फिल्म का मेन परपज एक्टिंग होना चाहिए।' बॉलीवुड में बाबूमोशाय के नाम से मशहूर 'काका' के फैंस और उनके वेल विशर्स आज भी उन्हें उतना ही प्यार करते हैं। फिल्म जगत में 1969 से 1971 के दशक में लगातार 15 हिट फिल्में देने वाले दिवंगत अभिनेता राजेश खन्ना का रिकॉर्ड अब भी बरकरार है।

1966 में रिलीज हुई फिल्म 'आखिरी खत' से बॉलीवुड में कदम रखने वाले अभिनेता ने अपने फिल्मी करियर में 160 फीचर फिल्म और 17 लघु फिल्मों में काम किया। तीन बार अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार जीतने वाले राजेश खन्ना का जन्म 29 दिसंबर,1942 में अमृतसर में हुआ था। हालांकि, राजेश को उनके जैविक माता-पिता के रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीला वती खन्ना ने पाला-पोसा। उनके असली माता-पिता का नाम लाला हीरानंद और चंद्रानी खन्ना था। सेंट सेबेस्टियन गोवा हाई स्कूल से जीतेंद्र के साथ स्कूल की पढ़ाई खत्म करने के बाद राजेश ने थियेटर का रुख किया।

अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में उन्होंने कई नाटकों में अपने अभिनय के दम पर पुरस्कार भी जीते। जेश की एक खास बात यह भी थी कि वह उन कम लोगों में से थे, जो 1960 के दशक में अपनी नई एमजी स्पोर्ट कार से थियेटर पहुंचते थे। राजेश की 15 हिट फिल्मों में 'अराधना', 'इत्तेफाक', 'डोली', 'बंधन', 'दो रास्ते', 'द ट्रेन', 'सच्चा झूठा', 'सफर', 'कटी पतंग', 'आन मिलो सजना', 'आनंद', 'मर्यादा', 'हाथी मेरे साथी', 'अमर प्रेम', 'अंदाज', 'दुश्मन' और 'अपना देश' शामिल है।राजेश को दिग्गज फैशन डिजाइनर और अभिनेत्री अंजू महेंद्रू से प्यार हुआ था, लेकिन सात साल तक कायम इस रिश्ते के टूटने के बाद वे 17 साल तक एक-दूसरे के संपर्क में नहीं रहे। इस बीच, अभिनेता ने मार्च, 1973 में अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया से शादी कर ली।डिंपल से राजेश की दो बेटिया हैं- ट्विंकल और रिंकी खन्ना।

ट्विंकल ने भी अपने फिल्मी करियर के दौरान कई सफल फिल्में की और बाद में अभिनेता अक्षय कुमार से शादी कर ली। वहीं, रिंकी को फिल्मों उतनी सफलता हासिल नहीं हुई। जून, 2012 में राजेश की तबीयत बिगड़नी शुरू हो गई। 23 जून को उन्हें लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया। हालांकि, स्वास्थ्य ठीक होने के बाद उन्हें आठ जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।

जिंदादिली की पहचान रहे अभिनेता राजेश ने राजनीति में भी हाथ आजमाया। राजेश को तबीयत बिगड़ने के कारण 14 जुलाई को फिर लीलावती अस्पताल में भर्ती किया गया और 16 जुलाई को घर लाया गया। फिल्मों में अपनी अदाकारी से लोगों को भावुक कर उनके दिलों में छाप छोड़ने वाले इस अभिनेता ने 18 जुलाई, 2012 को अपने घर आशिर्वाद में अंतिम सांस ली।

 

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