'बकरी चराने वाला' लड़का कैसे बना IAS अधिकारी, पढ़ें प्रेरणादायक कहानी
'बकरी चराने वाला' लड़का कैसे बना IAS अधिकारी, पढ़ें प्रेरणादायक कहानी
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जयपुर: हर किसी की बचपन से जुड़ी कुछ न कुछ यादें जरूर होती हैं. जब कई दफा लोग अपने पुराने दोस्‍तों के साथ बैठते हैं, तो इन्‍हीं पुराने पलों को याद करते हैं. ये पुरानी यादें हमेशा हमारे दिल के बेहद करीब होती हैं. एक IAS अधिकारी ने अपने बचपन की ऐसी ही कहानी सोशल मीडिया पर साझा की है, जिसे पढ़कर लोग भावुक हो गए. उनके ट्वीट के बाद कई यूजर्स ने उनकी तारीफ भी की है.   

 

IAS राम प्रकाश ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, 'हम 5-6 लोग बकरियां चराने गए थे. वहीं पर आम के पेड़ की डाल पर झूला झूल रहे थे. अचानक से डाल टूट गई. किसी को चोट तो नहीं लगी लेकिन मार खाने से बचने के लिए हम लोग मिलकर पेड़ की डाल ही उठा लाए थे जिससे पता ही न चले कि डाल टूटी है या नहीं.' मीडिया से बात करते हुए राम प्रकाश ने बताया कि ये कहानी उनके पैतृक गांव की है. IAS अफसर यूपी के मिर्जापुर जिले में स्थित जमुआ बाजार के एक गांव के निवासी हैं. उसी को याद कर उन्होंने ये ट्वीट किया है. उन्‍होंने कहा कि, अक्‍सर पढ़ाई के बाद बकरी चराने जाना भी रोज़ का काम हुआ करता था. गांव में रोज़ाना स्‍कूल के बाद बकरी चराने जाते थे. क्‍योंकि पढ़ाई और बकरी चराना ये दोनों ही साथ-साथ चलता था. ये सिर्फ एक दिन की बात नहीं थी. 

बता दें कि राम प्रकाश 2018 बैच के राजस्‍थान कैडर के IAS अफसर हैं. वह मूलत: यूपी के मिर्जापुर जिले से आते हैं. उनकी शुरुआती पढ़ाई वाराणसी के रोहनिया में मौजूद श्रद्धानंद सरस्‍वती इंटरमीडियट कॉलेज में हुई थी. उन्‍होंने 12वीं 2007 में पास की थी. मीडिया से बात करते हुए उन्‍होंने बताया कि वह इस वक़्त राजस्‍थान के पाली जिले में CEO जिला परिषद के पद पर पोस्टेड हैं. खास बात ये है कि उन्होंने अपनी छठी कोशिश में IAS परीक्षा क्रैक की थी. तब उनकी 162 रैंक आई थी. उन्‍हें 2025 में से 1041 अंक प्राप्त हुए थे. वहीं इंटरव्‍यू में उन्‍हें 275 में से 151 नंबर मिले थे. वह झालावार जिले के भवानी मंडी और अजमेर जिले के ब्यावर में SDM रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश से ताल्लुक रखने वाले IAS अफसर के ट्विटर पर 65 हजार से अधिक फॉलोअर्स हैं. वह सोशल मीडिया पर काफी सक्रीय रहते हैं.

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