बीकानेर: देशभर में आये दिन आने वाली सांप्रदायिक तनाव की खबरों के बीच ईद के मौके पर बीकानेर से सुकून देने वाली खबर (Good News) सामने आई है। जी दरअसल देश में धर्म के नाम छायी हिंसा ने अब एक बड़ा रूप ले लिया है, हालाँकि फिर भी कई राज्य हैं जो इस हिंसा को फैलने नहीं दे रहे हैं। इसी लिस्ट में शामिल है बीकानेर। यहाँ के मुस्लिम समाज के बंधुओं ने ईद (Eid) पर पहले अपने रब को याद करते हुए सजदा किया फिर देश की आन बान शान तिरंगे को लहरा कर देश में अमन शांति की दुआ की गई। जी हाँ और ईद के मुबारक मौके पर शहर में बीते रविवार को नई पहल करते हुए ईदगाह के बाहर हिन्दू और मुस्लिम दोनों समाज के लोगों ने राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर राष्ट्रगान गाते हुये देश में भाईचारे, सौहार्द्र और एकता का संदेश दिया।
आप सभी को बता दें कि देशभर में फैली हिंसा के बीच यह देश का पहला आयोजन है जब ईदगाह के बाहर राष्ट्रीय ध्वज फहरा राष्ट्रीय गान गाया गया है। जी हाँ और इसका आयोजन अखिल भारतीय जनवादी महिला समित की ओर से रखा गया था। बताया जा रहा है ईदगाह में ईद की नमाज अता होने के बाद शहर काजी शाहनवाज हुसैन ने सांप्रदायिक सद्भावना का संदेश देने के साथ साथ भारतीय संविधान में आस्था और विश्वास को दृढ़ बनाने की अपील करते हुये राष्ट्रीय ध्वज फहराया। आप सभी को बता दें कि इस मामले में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की डॉ। सीमा जैन ने बताया कि, 'इस आयोजन से यह संदेश देने का प्रयास किया गया है कि सभी धर्मों से ऊपर देश का संविधान है। उसके प्रति हमे निष्ठावान होना चाहिए।'
वहीं ईदगाह कमेटी के हाफिज फरमान अली ने कहा कि, 'बीकानेर की गंगा जमुनी तहजीब पूरे देश के लिये मिसाल है।' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा, 'यहां हिन्दू और मुस्लिम मिलकर सभी त्यौहार मनाते आए हैं। सभी एक दूसरे के पर्व में शामिल होते रहे हैं। पहली बार इस प्रकार का आयोजन पूरे देश के लिये संदेश देगा। हमें किसी भी रूप में आपसी सौहार्द्र और भाईचारे को मजबूती से कायम रखना है और नफरत की राजनीति को हर हाल में हराना है।'
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