आज पुत्रदा एकादशी पर कीजिए संतान की कामना के लिए यह महाउपाय
आज पुत्रदा एकादशी पर कीजिए संतान की कामना के लिए यह महाउपाय
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पद्म पुराण के अनुसार सभी सांसारिक सुखों के लिए उत्तम है एकादशी का व्रत और जिन्हें योग्य पुत्र की कामना हो उनके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत सबसे फलदायी व्रत है. वहीं इस बारे में ज्योतिषी का कहना हैं कि पुत्रदा एकादशी की महिमा अपरंपार है. जी हाँ, इसी के साथ मां बाप के लिए संतान का सुख संसार का सबसे बड़ा सुख है और शादीशुदा जोड़े खुद को तभी पूरा समझते हैं जब वो मां-बाप बन जाते हैं. यही तो संसार का नियम है. वहीं कुछ कारणों से कई बार लोग इस सुख से वंचित रह जाते हैं और ऐसे में पुत्रदा एकादशी का व्रत उम्मीद के सूरज के समान है और सावन की पुत्रदा एकादशी तो सभी कष्टों को दूर करने वाली है. कहा जाता है सावन की पुत्रदा एकादशी पर अगर उत्तम नियम से व्रत करें तो इसके प्रभाव से संतान प्राप्ति की बड़ी से बड़ी मुश्किल भी टल जाती है. आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम.

पुत्रदा एकादशी व्रत के नियम- आपको बता दें कि यह व्रत दो प्रकार से रक्खा जाता है -निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत वहीं निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए. कहते हैं अन्य या सामान्य लोगों को फलाहारी या जलीय उपवास रखना चाहिए. इसी के साथ यह बेहतर होगा कि इस दिन केवल जल और फल का ही सेवन करें. इसी के साथ संतान सम्बन्धी मनोकामनाओं के लिए श्री कृष्ण या नारायण की उपासना करें.


संतान की कामना के महाउपाय - आज प्रातः काल पति पत्नी संयुक्त रूप से श्री कृष्ण की उपासना करें और उन्हें पीले फल, पीले फूल, तुलसी दल और पंचामृत अर्पित करें. इसी के साथ आज संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें और मंत्र जाप के बाद पति पत्नी संयुक्त रूप से प्रसाद ग्रहण करें. इसके बाद उपवास रखकर प्रक्रियाओं का पालन करेंगे तो लाभ होगा.

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