पटना : इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि बीते वर्ष से दाल के दामों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसका कारण बताते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है कि दलहन का रकबा घटने और उत्पादन में आई कमी के कारण दाल के दामों में वृद्धि हुई है। रविवार को उन्होने कहा कि सब्जियों की कीमत बाजार मूल्य की बजाए बाजार ताकतों पर निर्भर करती है।
पटना में एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में बोलते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि अब लोगों के खानपान में बदलाव आया है और अब दाल उनके भोजन का प्रमुख हिस्सा बन गया है। लेकिन मांग को पूरा करने के लिए उत्पादनम पर्यापत नहीं हो रही है। बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए दालों का रकबा बढ़ाने की जरुरत है।
आर्थिक सलाहकार ने कहा कि केंद्र ने इस संबंध में संज्ञान लिया है और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाकर दालों की खेती को प्रोत्साहन दिया है। इसके अलावा अन्य उपाय भी किए जा रहे हैं जिससे किसानों को इन फसलों के उत्पादन के प्रोत्साहित किया जा सके। प्रौद्दोगिकी का बेहतर इस्तेमाल करने पर जोर देते हुए सुब्रमण्यम ने कहा कि सब्जी की कीमतों में स्थिरता लाने के लिए बाजारों को बेहतर बनाना होगा।
टमाटर के मूल्य में हुई बढ़त पर उन्होने कहा कि सब्जियों की कीमतें खेती से अधिक बाजार ताकतों से संबद्ध हैं।