Feb 13 2017 07:49 PM
नई दिल्ली। कंबाला के आयोजन को प्रतिबंधित करने के खिलाफ जहां बड़े पैमाने पर लोगों द्वारा प्रदर्शन किया गया वहीं दूसरी ओर कर्नाटक विधानसभा में कंबाला बिल पारित हो गया। गौरतलब है कि कंबाला एक उत्सवी और परंपरागत आयोजन है। इसमें बैलों को दौड़ाया जाता हैै। बैल के साथ ही उसे हांकने वाले भी दौड़ते हैं।
गौरतलब है कि उत्तरी कर्नाटक व कंबाला उडुपी दक्षिणी कर्नाटक का पारंपरिक खेल है। तमिलनाडु में जल्लीकट्टू आंदोलन के बाद सरकार पर दबाव था। इतना ही नहीं विद्यार्थियों, कलाकारों व नेताओं ने इसके विरूद्ध जमकर प्रदर्शन किया।
बड़े पैमाने पर लोग कंबाला को प्रतिबंधित करने की मांग कर रहे थे। इसी बीच कंबाला दौड़ को लेकर विधेयक पारित हो गया और कंबाला के आयोजन को हरी झंडी मिल गई। इस विधेयक के पारित होने के बाद आयोजन से जुड़े लोगों ने प्रसन्नता जाहिर की हैै।
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