सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खासगी ट्रस्ट को संपत्ति मामले में मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार के जवाब पर एक रिजॉइंडर दायर करने के लिए चार सप्ताह का समय दिया। इस मामले में तीनों याचिकाओं में सरकार द्वारा दिए गए जवाब पर बहस होनी थी लेकिन खासगी ट्रस्ट ने रिजॉइंडर दाखिल करने के लिए समय मांगा। ट्रस्ट की अपील को स्वीकार करते हुए कोर्ट ने सुनवाई चार सप्ताह के लिए बढ़ा दी।
मप्र हाईकोर्ट ने 5 अक्टूबर को फैसला सुनाया था कि खासगी ट्रस्ट को होल्करों की संपत्तियों को बेचने का अधिकार नहीं है और सरकार को आदेश दिया कि वह ट्रस्ट के अधीन आने वाली कथित संपत्तियों को कब्जे में ले। इसके बाद सरकार ने देश भर में फैले होल्करों की संपत्ति का जुलूस निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। हालांकि ट्रस्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
अदालत ने उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगा दी और सभी पक्षों से जवाब मांगा। सरकार ने अपना जवाब प्रस्तुत कर दिया। सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील पीके सक्सेना और ऋषि तिवारी शीर्ष अदालत में पेश हुए, जबकि वकील रोहित शर्मा ने याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व किया। मामले में अंतिम बहस बुधवार को होनी थी लेकिन मामले में अगली तारीख दी गई।
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