नई दिल्ली : भारतीय रेलवे में नवीन परिवर्तन होने की संभावना है. रेलवे के स्तर में सुधार हेतु एक पैनल का गठन किया गया था. पैनल ने सुझाव दिया है की रेलवे का निजीकरण कर निजी कम्पनियो को पैसेंजर ट्रैन चलाने की स्वीकृति दे दी जाए. इससे पहले भी रेलवे द्वारा माल ढुलाई के सेक्टर में प्राइवेट कंपनियों को लाने के बारे में विचार किया गया था. लेकिन पैसेंजर ट्रेन्स चलाने में प्राइवेट कम्पनियो को लाने का सुझाव पहली बार दिया गया है. सुझाव देने वाले पैनल का संचालन नीति आयोग के सदस्य विवेक देवरॉय द्वारा किया जा रहा है. यह पैनल शुक्रवार को अपनी समग्र रिपोर्ट मोदी सरकार के समक्ष प्रस्तुत करेगा. सरकार रेलवे सेक्टर को बेहद महत्वपूर्ण मान रही है. ऐसे में माना जा रहा है की सरकार पैनल के सुझाव पर काम करेगी. माना जा रहा है की जुलाई के प्रारम्भ में रेलवे में कई महत्वपूर्ण बदलाव की सम्भावना है.
पैनल ने स्पष्ट किया, निजीकरण के पक्ष में नहीं
इस पर पैनल ने स्पष्ट किया है कि वह रेलवे में हिस्सेदारी की बिक्री के संदर्भ में निजीकरण करने की राय नहीं दे रही है. पैनल ने कहा कि वह निजी कंपनियों का स्वागत कर उन्हें प्रोत्साहित करने का सोच रही है, जिस नीति को रेलवे में पूर्व में ही स्वीकृति मिल गयी है. रेलवे के संगठनात्मक ढांचे पर टिप्पणी करते हुए सरकारी पैनल ने कहा कि रेलवे के सभी विभागों के अलग-अलग कार्यरत होने से संगठन की कार्यप्रणाली बेहद बुरी तरह से प्रभावित हो रही है.
क्या थे पैनल के अन्य सुझाव
पैनल ने अलग से रेलवे बजट लाने परंपरा को परिवर्तित करने को कहा है. इससे पूर्व भी अर्थशास्त्रियों द्वारा ऐसी मांग उठायी गयी है.पैनल का मानना है कि हम आज भी ब्रिटिश औपनिवेशिक परंपरा का अनुसरण कर रहे है. इसके अतीरिक्त पैनल द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण सुझाव निम्न है.
-रेल मंत्रालय के प्रभाव क्षेत्र से आजाद रेलवे रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया की स्थापना करना.
-रेलवे प्रॉडक्शन यूनिट का कॉरपोरेट स्टाइल में वर्किंग, कोच और इंजन के निर्माण में प्राइवेट सेक्टर को सम्मिलित करना.
-रेलवे के कोर बिजनेस से स्कूल, स्टेडियम, हॉस्पिटल, रियल एस्टेट डेवलपमेंट और आरपीएफ के विभाजन करने का सुझाव.
-स्टाफ भर्ती के नियमों में बदलाव करते हुए बाहर से टैलेंट्स को लाने और संगठन के विभिन्न कमर्शियल प्रक्रियाओं में परिवर्तन करने का सुझाव.