प्राईवेट क्षेत्र में काम करने वालों के लिए बुरा रहा यह साल, एक रिपोर्ट में खुलासा
प्राईवेट क्षेत्र में काम करने वालों के लिए बुरा रहा यह साल, एक रिपोर्ट में खुलासा
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नई दिल्लीः देश में इस वक्त उद्योग व्यापार की हालत काफी खराब है। आए दिन किसी न किसी कंपनी की नकारात्मक रिपोर्ट आती है। जिसके कारण नौकरियां जा रही हैं। सबसे अधिक मार निजी क्षेत्र में काम कर रहा लोगों पर पड़ा है। कई कंपनियों ने नई बहाली पर रोक लगा दी है। जिन सेक्टर में सबसे ज्यादा इस बात का असर देखने को मिल रहा है उनमें बैंकिंग, बीमा क्षेत्र, ऑटो इंडस्ट्री, लॉजिस्टिक और इंफ्रा शामिल हैं। इन सेक्टर में नए लोगों की भर्ती बिलकुल नहीं हो रही है, वहीं लोगों को निकाला जा रहा है या फिर उनको लंबी छुट्टी पर भेजा जा रहा है।

देश में अभी बेरोजगारी दर 6.1 फीसदी है, जोकि अभी तक के अपने सबसे उच्चतम स्तर पर है। यह पुरुषों में 1977-78 से और महिलाओं में 1983 के बाद सबसे ज्यादा है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे के अनुसार 2017-18 में बेरोजगार लोगो की संख्या 2.85 करोड़ है, जो कि 2011-12 में 1.08 करोड़ थी। वहीं 1999-2000 और 2011-12 में यह आंकड़ा एक करोड़ था।

सीएमआईई के डाटा में कहा गया है कि देश में कार्यरत 4953 कंपनियों में बिक्री 2012-13 से लगातार गिर गई है। 2016-17 और 2017-18 में थोड़ी बहुत रिकवरी देखने को मिली, मगर यह पूरी तरह से अस्थाई थी। इसके फेल होने के बाद कंपनियों ने अपने सैलरी बिल में कमी करने का फैसला किया। ऐसा इसलिए ताकि वो अपनी गिरती वित्तीय हालत को थोड़ा सा सुधार सकें।

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