प्रणब दा के भाषण पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब
प्रणब दा के भाषण पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब
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आरएसएस मुख्यालय में होने वाले समारोह में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मुख्य अतिथि बन कर जाना. ये खबर शुरू से ही विवादों को जन्म दे गई थी और इस पर बयां बाजिया अब भी जारी है जबकि प्रणब दा कार्यक्रम में शिरकत कर चुके है. मुखर्जी के भाषण का बड़ा इंतज़ार किया गया और अब उस पर किस की क्या प्रतिक्रिया है आप भी जानिए -


कांग्रेस
प्रणब मुखर्जी के भाषण के बाद कांग्रेस ने यू-टर्न लेते हुए ट्वीट किया, "सभी भारतीयों के लिए यह जानना जरूरी है कि आरएसएस ने ऐतिहासिक रूप से क्या खड़ा किया. भारत के लोगों को कभी नहीं भूलना चाहिए कि आरएसएस की विचारधारा भारत के विचारधारा से उलट है."

मोहन भागवत 
 मोहन भागवत ने कहा कि कार्यक्रम के बाद मुखर्जी वही बने रहेंगे जो वह हैं और संघ भी वही बना रहेगा जो वह है. भागवत ने कहा कि उनका संगठन पूरे समाज को एकजुट करना चाहता है और उसके लिए कोई भी बाहरी नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों के पास अलग-अलग विचार हो सकते हैं लेकिन वे सभी भारत माता के बच्चे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला 
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "मुखर्जी का संघ मुख्यालय जाने का फैसला विमर्श की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा है. पूर्व राष्ट्रपति ने संघ को उनके मुख्यालय में आईना दिखाया है." सुरजेवाला ने कहा, "प्रणब मुखर्जी के आरएसएस मुख्यालय जाने पर कई लोगों ने चिंता जताई थी, जो भारत की अनेकता में भरोसा रखते हैं."

सीताराम येचुरी
सीपीएम के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, "आरएसएस हेडक्वार्टर में प्रणब मुखर्जी ने ऐतिहासिक भाषण दिया. लेकिन, उन्हें महात्मा गांधी की हत्या का जिक्र करना चाहिए था, ताकि कई सारी चीजें साफ हो पाती."

राम माधव
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने ट्वीट किया, "नागपुर में प्रणब मुखर्जी का अद्भुत संबोधन. पूर्व राष्ट्रपति का भाषण और डॉ. मोहन भागवत का संबोधन एक-दूसरे के पूरक थे. दोनों ने ही राष्ट्रवाद का प्रमुखता दी और 'राष्ट्र सबसे पहले' का संदेश दिया."

राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा
कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा ने ट्वीट किया, "आरएसएस मुख्यालय में अनुभवी नेता और विचारक प्रणब दा की तस्वीरों ने लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं, उन सभी लोगों जो बहुलवाद, विभिन्नता और भारतीय गणराज्य के आधारभूत मूल्यों में यकीन रखते हैं, उन्हें दुखी कर दिया है."

केसी त्यागी 
जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा, "प्रणब मुखर्जी पूरे राष्‍ट्र के हैं. उन्होंने संवाद की परंपरा कायम रखी. उन्‍होंने राजा को सबक भी दिया."

संजय झा
कांग्रेस प्रवक्ता संजय झा ने ट्वीट किया, "यह सिर्फ आरएसएस के बारे में नहीं है. यह वीएचपी, प्रवीण तोगड़िया के नफरत फैलाने वाले भाषणों और बजरंग दल की सोच के बारे में भी है."

सुधांशु त्रिवेदी 
बीजेपी नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "प्रणब जी ने अपने भाषण की शुरुआत ही भारत को पहला राष्‍ट्र बताते हुए की. यही तो हमारा विचार है."

 

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