लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में उत्तर प्रदेश में भड़की हिंसा में PFI फंडिंग को लेकर चल रही जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, PFI ने पूरे राज्य में हिंसक घटनाओं को अंजाम देने के लिए हवाला के माध्यम से एजेंट्स को पैसे भेजे थे. पैसे के ट्रांसक्शन की जानकारी के लिए वाट्सऐप का उपयोग किया गया था. जिसमें वाट्सऐप कोड का भी प्रयोग हुआ था.
बताया जा रहा है कि कोड का आधा नंबर उस एजेंट को दिया गया था, जिसे पैसे आगे पहुँचाने थे और आधा नंबर उस एजेंट को दिया जाता था, जिसे पैसे लेने होते थे. इसके साथ ही पूरा कोड एक मुख्य एजेंट को दिया गया था जिसके पास धन था. इस कोड को मिलाने के बाद पैसे भेजे गए थे. खबर है कि पैसा खपाने के लिए चार्टेड अकाउंटेट की भी सहायता ली गई थी.
जानकरी के लिए आपको बता दें कि यूपी की राजधानी लखनऊ सहित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (NRC) के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई थी. जिसके बाद जांच में प्रकाश में आया था कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने हिंसा के लिए लोगों को भड़काया है. साथ ही इसके लिए बकायदा फंडिंग भी की गई.
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