बदनामी का कारण बना दिल्ली का प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट
बदनामी का कारण बना दिल्ली का प्रदूषण : सुप्रीम कोर्ट
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नई दिल्ली : दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर हर ओर से चिंता जताई जा रही है। इस दौरान यह बात सामने आई है कि सुप्रीम कोर्ट के नवनियुक्त मुख्यन्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बदनामी का कारण बन गया है। उन्होंने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कुछ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल न्यायालय के न्यायाधीश के साथ चर्चा करते हुए उन्हें शर्म का अनुभव हो रहा है। सर्वोच्च न्यायालय के परिसर में प्रदूषण की जांच हेतु मशीन भी इजाद की गई जिसे क्षेत्र में लगया गया ।

इस मसले पर केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से भी सुझाव मांगे गए हैं। न्यायालय द्वारा यह स्पष्ट किया गया कि दिल्ली में प्रवेश करने वाले ट्रकों से ग्रीन टैक्स की वसूली में कोई छूट नहीं दी जा सकती है। इस मसले पर इसकी जिम्मेदार कंपनी से सवाल किए गए न्यायालय ने कहा कि यदि टैक्स नहीं वसूला जा रहा है और यह घाटे का सौदा है तो इसे लेकर नुकसान उठाना पड़ रहा है। 

इस तरह के नुकसान के लिए अलग से याचिका दायर करना जरूरी है। ग्रीन टैक्स की वसूली को लेकर उन्होंने कहा कि उबेर और ओला जैसी टैक्सी सर्विस के कारण दिल्ली में डीजल चलित कार की संख्या अधिक बढ़ी है। न्यायालय को हरीश साल्वे ने दिल्ली में डीजल कारों पर सख्ती करने की बात कही है।  दरअसल वे न्यायालय के सलाहकार हैं। उनका कहना था कि उबेर टैक्सी और ओला टैक्सी जैसी सेवाओं के चलते कार की संख्या अधिक हुई है। सवोच्च न्यायालय ने जो सुझाव दिए हैं इस पूरे मसले पर 15 दिसंबर को सुनवाई की जाएगी। 

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