नेशनल हेराल्ड के मसले पर गरमाई राजनीति
नेशनल हेराल्ड के मसले पर गरमाई राजनीति
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नई दिल्ली : एक ओर जहां कांग्रेस केंद्र सरकार को संसद में घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ना चाहती वहीं सत्तासीन सरकार भी राहुल गांधी और सोनिया गांधी को नेशनल हेराल्ड के मसले पर चारों खाने चित करने की तैयारी में है। जहां कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे बदले की राजनीति बताया है वहीं वित्तमंत्री अरूण जेटली समेत विभिन्न नेताओं ने कांग्रेस नेतृत्व से सवाल किए हैं। केंद्रीय वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कहा कि कोई भी नेता फंस गया तो क्या संसद नहीं चलेगी। 

उन्होंने कहा कि यह बता दें कि दिल्ली के न्यायालय द्वारा सोनिया गांधी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में 19 दिसंबर को पेश होने के निर्देश न्यायालय ने दिए हैं। इस मामले में नेताओं ने अपनी - अपनी राय, विचार और जवाब प्रस्तुत किए हैं। मीडिया ने इन नेताओं से अलग - अलग सवाल किए तो नेताओं ने अपनी ओर से अलग जवाब भी दिए। 

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के साथ पुडुचेरी में उन्होंने बाढ़ पीडि़तों से भेंट की। उन्होंने कहा कि यह स्पष्टतौर पर राजनीतिक बदले का मामला लगता है। केंद्र सरकार कांग्रेस द्वारा हमलों को विफल करने में लगी है। इस मामले में सवाल पूछ गए और कहा गया कि कांग्रेस को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।

राहुल ने कहा कि वे सवाल पूछकर सरकार पर दबाव बनाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि वे संसद में अपना उत्तर देते रहेंगे। दूसरी ओर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि नेशनल हेराल्ड मसले में केंद्र सरकार को निशाने पर लिया गया है। मीडिया द्वारा यह सवाल किया गया कि क्या आपको बदले की भावना के अंतर्गत की गई कार्रवाई सही लगती है।

इस पर उन्होंने मीडिया की ओर संकेत करते हुए कहा कि बदले की कार्रवाई को लेकर आप ही सही गलत में अंतर कर लीजिए। सोनिया गांधी ने कहा कि वे पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी की बहू हैं। आखिर वे क्यों किसी से डरेंगी। दरअसल कांग्रेस द्वारा नेशनल हेराल्ड के मसले पर चर्चा किए जाने के दौरान हंगामा हो गया। इस दौरान सदन की कार्रवाई स्थगित हो गई। 

संसदीय कार्यमंत्री एम. वैंकेया नायडू द्वारा कहा गया कि कांग्रेस को आखिर एकदम से क्या सूझा कि वह संसद की कार्रवाई को प्रभावित कर रही है। उनका कहना था कि न्यायिक तंत्र पूरी तरह से स्वतंत्र है। न्यायालय की कार्रवाई में सरकार का कोई हस्तक्षेप नहीं है। दूसरी ओर अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री और केंद्रीय संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्यतार अब्बास नकवी ने कहा कि न्यायालय में ही तय होगा कि आखिर दोषी कौन है। न्यायालय अपनी ओर से कार्य कर रहा है। इसमें डर किस बात का है। उन्होंने कहा कि पूरी दाल ही काली है।

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