भोपाल/ब्यूरो। मध्यप्रदेश में बीच सत्र में 93 नर्सिंग कॉलेज की मान्यता निलंबित करने का मामला सामने आया है। इसी कड़ी में राजधानी भोपाल के आठ कॉलेज पर भी निलंबन की गाज गिरी है। कॉलेज में करीब 4,800 नर्सिंग स्टूडेंट अध्ययनरत है। मान्यता निलंबित होने से इन स्टूडेंट्स का भविष्य खतरे में आ गया है। डिग्री को लेकर स्टूडेंट्स में चिंता का माहौल है। बता दें कि नवीनीकरण के लिए कॉलेजों ने जरूरी दस्तावेज नहीं दिए थे। दस्तावेज देने और निरीक्षण के बाद दोबारा मान्यता बहाल हो सकती है।
भेल का कस्तूरबा नर्सिंग कॉलेज ,आशा निकेतन स्कूल ऑफ़ नर्सिंग ,आईसेक्ट यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ़ नर्सिंग, चिरायु कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ,गणपति नर्सिंग कॉलेज ,कुशाभाऊ ठाकरे नर्सिंग कॉलेज, LN नर्सिंग स्कूल ,मारबेसीलियोज कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग। इधर नर्सिंग कॉलेज की मान्यता रद्द होने के मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ ने सरकार पर हमला बोला है।
कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा है कि- प्रदेश में व्यापम घोटाले के बाद अब नर्सिंग कॉलेज घोटाला जोर पकड़ रहा है। बड़े पैमाने पर ऐसे नर्सिंग कॉलेज सामने आए हैं जो सिर्फ पंजीकृत हैं और जमीन पर सही मामले में कहीं चल ही नहीं रहे हैं। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लें। व्यापमं घोटाले में हजारों मेडिकल छात्रों का जीवन बर्बाद करने के बाद शिवराज सरकार अब प्रदेश के हजारों नर्सिंग छात्रों का जीवन भी बर्बाद करना चाहती है। मैं मुख्यमंत्री से मांग करता हूं कि इस पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लें।
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