राम मंदिर का भव्य पैमाने पर अयोध्या में निर्माण किया जाना है. मंदिर निर्माण ट्रस्ट के गठन का शिवसेना ने स्वागत करते हुए पीएम मोदी धन्यवाद कहा है. वहीं ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने इसके समय पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि ट्रस्ट का गठन 8 फरवरी के बाद भी हो सकता था. संसद सत्र का अंत 11 फरवरी को होना है. ऐसा लगता है भाजपा सरकार ने यह फैसला दिल्ली चुनाव की चिंता में लिया है.
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बुधवार को इससे पहले शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि मंदिर का निर्माण प्राथमिकता है. संसद में समाचार एजेंसी आइएएनएस से बात करते हुए सावंत ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री के फैसले का स्वागत करते हैं. यह बाला साहिब ठाकरे का सपना था। उन्होंने हमेशा इस बात पर जोर दिया कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए.' यहां तक कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी लोकसभा चुनावों के दौरान लगातार 'पहले मंदिर फिर सरकार ’ की बात कहते रहे. उन्होंने दो बार अयोध्या जाकर रामलला की प्रार्थना की. हम इसका स्वागत करते हैं और प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद करते हैं.
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इसके अलावा शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि ' मैं महाराष्ट्र के सीएम की ओर से पीएम की घोषणा का स्वागत करता हूं. लेकिन आप सभी जानते हैं, राम मंदिर के निर्माण का निर्णय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिया गया था और इसके निर्णय का सम्मान करना सरकार की जिम्मेदारी है.'राम जन्मभूमि आंदोलन में सबसे आगे रहे विश्व हिंदू परिषद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर ट्रस्ट के गठन की घोषणा का स्वागत किया है और कहा है कि मंदिर का निर्माण जल्द से जल्द होना चाहिए. नवगठित ट्रस्ट की बैठक जल्द होनी चाहिए, ताकि मंदिर के निर्माण का कार्य जल्द से जल्द शुरू हो.
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