PM मोदी रुस के लिए रवाना, कहा दोनो देशों के बीच गहरा है नाता
PM मोदी रुस के लिए रवाना, कहा दोनो देशों के बीच गहरा है नाता
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नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिवसीय यात्रा के तहत रुस के लिए रवाना हो गए। वो बुधवार की रात को डिनर पर रुस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन से मिलेंगे। मोदी ने रुस जाने से पहले दोनो देशों के बीच आर्थिक, ऊर्जा और सुरक्षा मामले में बेहतर सहयोग की उम्मीद जताई। मोदी ने कहा कि दोनो देशों के बीच बेहद गहरा नाता है। रुस के लिए रवाना होने से पहले मोदी ने कहा कि भारत और रुस के बीच व्यापार बढ़ने से न सिर्फ दोनो देशों को फायदा होगा बल्कि इसका असर पूरी दुनिया में दिखेगा।

मोदी ने यह भी कहा कि सरकार बनाने के बाद से अब तक द्विपक्षीय वार्ता के लिए यह मेरी पहली यात्रा है, जिसे लेकर मैं बेहद आशावादी हूँ। इस यात्रा के दौरान मोदी रुस के प्रेसीडेंट के साथ ही वहां के कारोबारियों से भी मिलेंगे और उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करेंगे। पीएम फ्रेंड्स ऑफ इंडिया नाम के एक कार्यक्रम में भी हिस्सा लेंगे।

मोदी ने बताया कि 2001 में गुजरात का मुख्यमंत्री बनने के बाद वो तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के साथ रुस दौरे पर गए थे। विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि यात्रा की शुरुआत 23 दिसंबर को रुस के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी की एक रात्रि भोज से होगी। विदेश सचिव ने कहा कि इसके बाद मोदी मॉस्को मे एक्सपो सेंटर में भारत के मित्रों से मिलेंगे। यात्रा से पहले पीएम ने अपने कैबिनेट के सदस्यों से मुलाकात की। इसके बाद से उम्मीद जताई जा रही है कि यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते है।

इस कड़ी में दोनो नेताओं के बीच गुरुवार को मुलाकात होगी। दोनो में सीरिया की विकट परिस्थिति, आतंकवाद से निपटने के तौर-तरीकों के साथ ही कई वैश्विक मसलों पर चर्चा कर सकते है। जयशंकर ने कहा कि यह संभवतः हमारे लिए महत्वपूर्ण संवादों में से एक होगा। जयशंकर ने कहा कि रूस भारत का एक बड़ा सैन्य एवं रणनीतिक साझेदार रहा है। इस क्षेत्र पर काफी चर्चा होगी। पिछले हफ्ते रक्षा मंत्रालय की शीर्ष अधिग्रहण परिषद ने 40,000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से रूसी एस-400 ट्रियंफ एयर डिफेंस मिसाइल की खरीद को हरी झंडी दी थी।

सबसे अहम बात जो इस दौरान हो सकती है वो ये है कि संयुक्त राष्ट्र में स्थायी सदस्यता को लेकर भी पीएम रुस से बात कर सकते है। जब जयशंकर से यह पूछा गया कि क्या भारत रुस से नेताजी सुभाष चंद्र बोस का विवरण साझा करने का अनुरोध करेगा। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की हाल की मास्को यात्रा के दौरान उठाई गई थी। उन्होंने कहा कि हम इंतजार करें और देखें कि क्या होता है। मैं रूसी प्रतिक्रिया का पूर्व आकलन नहीं करता, जब तक कि हमें कुछ मिल नहीं जाता।

कहा जा रहा है कि रुस भारत में परमाणु संयंत्र भी बनाएगा। दोनो देशों के बीच साल 2000 से शिखर वार्ता हो रही है। जिसे मॉस्को और नई दिल्ली में बारी-बारी से आयोजित किया जा रहा है।भारत और रुस के बीच व्यापार भी 10 अरब डॉलर से बढ़कर 30 अरब डॉलर हो गया है।

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