आखिर कैसा है पीएम मोदी का निवेशकों को आकर्षित करने का प्लान
आखिर कैसा है पीएम मोदी का निवेशकों को आकर्षित करने का प्लान
Share:

लॉकडाउन और कोरोना संकट के बीच निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'प्लग एंड प्ले' मॉडल को साकार करने में वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय पूरी तरह से जुट गया है. इसके तहत मोडिफाइड इंडस्ट्रियल इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेडेशन स्कीम (एमआइआइयूएस) में बदलाव किया जा सकता है. औद्योगिक उत्पादन के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) में गैर-उपयोगी खाली पड़ी जमीन का इस्तेमाल हो सकता है. निवेशकों को सीमित समय में हर प्रकार की मंजूरी दिलाने के लिए नोडल विभाग व अधिकारी नियुक्त हो सकते हैं. सीमित समय में मंजूरी देने के लिए नए प्रावधान लाए जा सकते हैं. गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक में औद्योगिक विकास और निवेश की राह में आने वाली हर बाधा को दूर कर प्लग एंड प्ले मॉडल लाने का निर्देश दिया था.  

ट्रेन और फ्लाइट में यात्रा के लिए अनिवार्य हो सकता है Aarogya Setu ऐप


आपकी जानकारी के लिए बता दे कि एसआइआइयूएस के तहत औद्योगिक क्लस्टर विकसित करने के लिए 50 करोड़ रुपये के सरकारी अनुदान का प्रावधान है. लेकिन इस प्रकार के क्लस्टर को विकसित करने का काम राज्य सरकार की स्टेट इंप्लिमेंटिंग एजेंसी करती है. प्राइवेट डेवलपर्स को यह सुविधा नहीं है. हालांकि अभी किसी नए प्रोजेक्ट को इस स्कीम के तहत स्वीकार नहीं किया जा रहा है. पुराने प्रोजेक्ट को ही वित्तीय सहायता दी जा रही है.  

Lockdown :ट्रेन से जा रहे मजदूरों को नहीं खरीदना होगा टिकट, राज्य सरकार से पैसे वसूलेगा रेलवे

अगर आपको नही पता तो बता दे कि वाणिज्य व उद्योग मंत्रालय एमआइआइयूएस में बदलाव कर यह मौका प्राइवेट डेवलपर्स को भी दे सकता है. हाल ही में औद्योगिक संगठनों व एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के साथ बैठक में उद्यमियों की तरफ से मंत्रालय को यह सुझाव दिया गया था. सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय इस बदलाव की तैयारी कर रहा है. ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआइ) के चेयरमैन मोहित सिंगला ने बताया कि इस प्रकार की स्कीम के तहत निजी डेवलपर्स को इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने का मौका मिलने से वे सिंगल प्रोडक्ट क्लस्टर विकसित करेंगे जिसकी कामयाबी की अधिक संभावनाएं होंगी.क्या होता है प्लग एंड प्ले में सामान्य अवस्था में फैक्ट्री लगाने के लिए जमीन लेनी पड़ती है. फिर वहां बिजली, पानी, सड़क व अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर सुविधाएं विकसित करनी पड़ती हैं. फिर वहां उत्पादन शुरू हो पाता है. इन काम में अमूमन दो वर्ष और कभी-कभी ज्यादा भी लग जाते हैं.  

Gold Loan : इस वजह से मांग में आई तेजी

लगभग पांच सौ करोड़ का प्रदेश का व्यापार प्रभावित

ग्रीन और ऑरेंज जोन में मिली आने-जाने की छूट, पेट्रोल-डीजल के दाम जानना हुआ जरुरी

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -