पीएम के भाषण और आजाद ख्याल
पीएम के भाषण और आजाद ख्याल
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जब कभी भी ऐ मेरे वतन के लोगों गीत की गूंज सुनाई पड़ती है तो लोगों का मन देशभक्ति से झंकृत होने लगता है। लोगों के रोए - रोए में देशभक्ति का संचार होने लगता है। इस गीत में एक पंक्ति आती है कुछ याद उन्हें भी कर लो जो लौट के घर न आए। जी हां आज फिर भारतीय स्वातंत्र्य दिलवाने वाले रणबांकुरों को याद करने की जरूरत है। ये वही वीर हैं जिन्होंने ब्रिटिश राजव्यवस्था की नींव को हिला दिया था। असेंबली में बम फैंककर अंग्रेजों को हिला देने की घटना हो या फिर काकोरी कांड में ब्रिटिश खजाना लूटने से अंग्रेजी हुकूमत की जमीन खिसकने की बात हो इन क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के लिए परेशानी पैदा की।

इन्हीं क्रांतिकारियों में एक थे चंद्रशेखर आजाद। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भाभरा पहुंचे और वीर क्रांतिकारी शहीद चंद्रशेखर आजाद को याद किया। उन्होंने कहा कि शहीद आजाद और इन क्रांतिकारियों को याद किए जाने की जरूरत है। जी हां, आज लोग इन क्रांतिकारियों के नाम ही याद रखे हुए हैं। मगर ऐसे कुछ ही क्रांतिकारी हैं जिनका नाम लोगों को याद है। अन्य स्वाधीनता संग्राम सेनानी और क्रांतिकारियों को जैसे लोग भूल गए हैं।

लोग इनके बारे में नहीं जानते हैं और जब नहीं जानते हैं तो फिर इनमें राष्ट्रभक्ति का अलख नहीं जगता है। ऐसे में लोगों में न तो देशप्रेम होता है और न ही राष्ट्रीय सद्भाव। जिसके चलते लोग केवल अपने अधिकारों को याद रखते हैं अपने कर्तव्य तो वे भूल ही जाते हैं। जिसका प्रभाव राष्ट्र की व्यवस्थाओं पर होता है। आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय एककीकरण और सद्भाव की बात भी कही।

उन्होंने कश्मीर के लोगों को भारत का ही बताकर उनके लिए समान अधिकार की बात कही। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद कर कहा कि कश्मीर में तीन बातें लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण हैं कश्मीरियत, जम्हूरियत और इंसानियत। जी हां, यदि कश्मीर में शांति होगी तो यहां पर पर्यटन बढ़ेगा और फिर राज्य की आर्थिक खुशहाली होगी। इतना ही नहीं कश्मीर का युवा खुद को भारत का ही मानेगा और राज्य में सद्भाव से रहेगा तो यहां पर समृद्धि होगी।

भड़काउ ताकतों की बातों में कश्मीर का युवा न आए तो यह देश के लिए भी मजबूत स्थिति वाला होगा। यहां पर लोकतंत्र बेहद आवश्यक है। सभी को अधिकार दिए गए हैं सभी के लिए वे समान है। इसी तरह सभी के लिए कर्तव्य भी हैं। इन सभी का निर्वहन करने के साथ ही राज्य में तरक्की होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजाद की जन्मस्थली पहुंचकर देश के लिए कुछ करने की अपील की। उन्होंने युवाओं से अपील की कि देश के लिए मरने का समय नहीं है कुछ करने का समय है यह दर्शाता है कि उन्होंने युवाओं को देशसेवा के लिए प्रेरित किया। दरअसल आज हर व्यक्ति अपने लिए जी रहा है। मगर देश के लिए जीने की चाहत बहुत कम लोगों में है।

'लव गडकरी'

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