मध्य प्रदेश के सतना जिले के मैहर सिविल अस्पताल की एक तस्वीर वायरल हो रही है। जिसमें अस्पताल प्रशंसकों की लापरवाही नज़र आते दिखाई दे रही है। अस्पताल की बंदइंतेज़ामी तस्वीर को साफ़ बयान करते नज़र आ रही है। वायरल तस्वीर में आप साफ देख सकते है की एक बच्ची को हीमोग्लोबिन कम होने के कारण उसे खून चढ़ाया जा रहा है, वो भी बेड पर लेटा के नहीं निचे फर्श पर बैठा के इतना ही नहीं बिना बोतल स्टैंड की वयवस्था किये बिना बच्ची की माँ को खून की थैली थमा दी और खून चढ़ाया जा रहा है। वही बच्ची का नाम संतोषी केवट है। बच्ची की उम्र 15 साल है।
हॉस्पिटल में बेड की कमी होने के कारण डॉ. ने बच्ची के खिलाफ गैरज़िम्मेदारना व्यव्हार जताया। बेड की व्यवस्था कराने की जगह बच्ची को निचे फर्श पर बैठा कर ही खून चढ़ा दिया और माँ को थैली पकड़ा दी गई और उन्हें कहा गया कि जबतक पूरा खून नहीं चढ़ जाता आप इसी तरह खड़ी रहें। सोशल मीडिया पर किसी ने इसकी तस्वीर वायरल कर दी। मामले को संजीदगी से लेते हुए सतना कलेक्टर ने भी दखल दिया, लेकिन बेड नहीं मिल सका।
कलेक्टर अनुराग वर्मा के दखल के बाद संतोषी के लिए फर्श पर ही चादर बिछा दी गई और एक स्टैंड भी लाया गया। फर्श पर ही लेटा कर ब्लड ट्रांसफ्यूजन की प्रक्रिया पूरी की गई। मामला तूल पकड़ने के बाद अब कलेक्टर अनुराग वर्मा ने मैहर सिविल अस्पताल के इंचार्ज डॉ प्रदीप निगम तथा नर्स अंजू सिंह की दो वेतन वृद्धि तत्काल प्रभाव से रोकने के निर्देश दे दिए हैं। वही यह सवाल भी खड़ा उठता है की, अगर इसकी जगह कोई नेता की बच्ची होती तो अस्पताल प्रशंसकों का उनके प्रति भी यही रवैया देखने को मिलता या उन लोगो के लिए कड़े से कड़े इंतेज़ाम किये जाते। कही से भी बेड की व्यवस्था कर दी जाती। सवाल यह भी खड़ा उठता है की सिर्फ संतोषी के खिलाफ यह रवैया इसलिए देखने को मिला क्यों की वो गरीब परिवार से आती है।