नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें कोरोना महामारी के मद्देनजर टेलीकॉम कंपनियों को यह निर्देश देने की मांग की गई थी कि फिलहाल जो उपभोक्ता अपना बिल भरने में असमर्थ हैं. उनकी मोबाइल सेवाओं को ब्लॉक न किया जाए. उच्च न्यायालय ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि कोरोना के दौर में हर आदमी किसी न किसी समस्या से गुजर रहा है, किन्तु टेलीकॉम कंपनियों को हम चैरिटी करने का आदेश नहीं दे सकते हैं.
अदालत ने कहा के फिलहाल काफी सारे लोगों को कोरोना महामारी के इस दौर में खाने की जरूरत है, किन्तु ऐसे में अदालतों होटलों को कोई ऐसा आदेश नहीं दे सकता कि होटल सभी जरूरतमंदों को फ्री खाना उपलब्ध कराएं. वैसे ही टेलीकॉम कंपनियों को भी मुफ्त मोबाइल सेवा मुहैया कराने का आदेश अदालत जारी नहीं कर सकता.
दरअसल, वकील प्रियतम भारद्वाज ने दिल्ली HC में जनहित याचिका दाखिल की थी, जिसमें कहा गया था कि कोरोना के चलते लोग फिलहाल आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहे हैं. ऐसे में काफी सारे लोग अपने मोबाइल का बिल जमा नहीं कर पाए हैं. लिहाजा टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर को अदालत के जरिए निर्देश दिया जाए कि ऐसे लोगों के मोबाइल पर इनकमिंग कॉल और SMS की सुविधा को बंद न किया जाए,जब तक की कोरोना महामारी की समस्या से छुटकारा न मिल जाए.
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